सूत्रों के मुताबिक, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, आरंग समेत कई जिलों में यह छापेमारी की कार्रवाई की गई है। दोनों एजेंसियों की संयुक्त टीमों ने इन स्थानों पर दस्तावेजों और सबूतों को खंगाला है, जो भारतमाला योजना में हुई गड़बड़ियों से जुड़े हो सकते हैं। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, आरआई एवं अन्य के ठिकानों पर चल रही कार्रवाई जारी है।
CG ACB-EOW Raid: दस्तावेज खंगाल रही टीम
ACB-EOW की टीम ने जिन जगहों पर रेड मारी है उनमें रायपुर समेत अभनपुर,आरंग और दुर्ग-भिलाई लोकेशन शामिल है। इस रेड के दौरान ACB और EOW की संयुक्त टीम ने भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी से जुड़े अहम दस्तावेज और प्रमाण जुटाने की कोशिश में है।
क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट ?
भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक अहम सड़क विकास योजना है, जिसके तहत देशभर में सड़कों का निर्माण और विस्तार किया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप सामने आए हैं। इस प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का आरोप अधिकारियों और ठेकेदारों पर है जिन पर निर्माण कार्यों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल जांच एजेंसियां अब इन पहलुओं की बारीकी से पड़ताल कर रही हैं। जानिए कैसे हुआ ‘मुआवजे का महाघोटाला’
रायपुर के अभनपुर ब्लॉक में इस घोटाले को अंजाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक एकड़ के जमीनों को 500 से 1 हजार वर्ग मीटर में काटा गया। वहीं, 32 प्लॉट को काटकर 142 प्लॉट बनाया गया। 32 प्लॉट का मुआवजा 35 करोड़ बन रहा था, लेकिन छोटे टुकड़े काटने के बाद ये मुआवजा 326 करोड़ हो गया और भुगतान 248 करोड़ रुपए का हो गया। इसमें 78 करोड़ का क्लेम बाकी था, जिसके बाद भंडाफोड़ हुआ। इसमें छोटे उरला, बड़े उरला, नायक बांधा गांव के किसानों की जमीन में गोल माल हुआ है। बताया जा रहा है कि जमीनों का अधिग्रहण करने में कुछ सरकारी अधिकारियों ने 326 करोड़ का घोटाला कर दिया।