राजधानी स्थित एक कोचिंग सेंटर के प्रशासनिक अधिकारी तोषराम नायक बताते हैं, पिछले डेढ़ दशक में यह बड़ा बदलाव आया है। पहले लड़कियों की उपस्थिति बहुत सीमित थी, लेकिन अब वे बड़ी संख्या में सीए की तैयारी कर रही हैं।
Chartered Accountant Day: रायपुर में गर्ल्स-ब्वॉयज सीए का रेशियो
2019: 30 लड़के 28 लड़कियां 2020-21: 8 लड़के, 14 लड़कियां 2022: 14 लड़के, 10 लड़कियां 2023: 10 लड़के, 6 लड़कियां 2024: 10 लड़के, 15 लड़कियां
शादी के बाद भी बने रहते हैं विकल्प
इस बदलाव के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि सीए एक ऐसा प्रोफेशन बन गया है, जिसे महिलाएं शादी के बाद भी आसानी से जारी रख सकती हैं।
नौकरी का दबाव न हो, तो फ्रीलांस प्रैक्टिस, फैमिली बिजनेस में सहयोग, या पार्ट-टाइम असाइनमेंट जैसे विकल्प हमेशा खुले रहते हैं।
लड़कियों और उनके परिवारों के मन में यह सवाल रहता है कि शादी के बाद क्या? सीए कोर्स का यही सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है कि इसमें मल्टीपल ऑप्शन होते हैं। अगर चार घंटे भी सीए को दिए जाएं तो भी काम चलता है, यह प्रोफेशन आपको फ्लेक्सिबिलिटी देता है।