जिसमें वर्ष 2047 तक प्रदेश के पांच हजार गांवों को
स्मार्ट गांव बनाए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों में स्मार्ट सिटी संबंधी पहल का विस्तार किया जाएगा।
ऐसा होगा बेस मॉडल
आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना की 90 प्रतिशत से भी अधिक स्वीकृत परियोजनाएं पूरी होने से आवास क्षेत्र में प्रगति।
बिजली: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पर जोर एवं पानी की 100 फीसदी उपलब्धता के लिए प्रयास पर जोर।
चुनौतियां
हैल्थ और एजुकेशन के क्षेत्र में विशेष चुनौतियां पेश आएंगी। खासकर ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्र में। तेजी से होते शहरीकरण और जनसंख्या का दबाव भी शहरों की प्लानिंग के आड़े आएगा। सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में ये पहल की जाएगी चार चिन्हित एग्लोमरेशन के विकास और समन्वय के लिए समर्पित क्षेत्रीय निकायों का गठन।
आवास, स्वास्थ्य, उद्योग और संस्कृति संबंधी 10 से अधिक महा परियोजनाएं चलाकर राजधानी क्षेत्र का रणनीतिक विकास। निर्बाध विद्युत आपूर्ति और पाइप आधारित जलापूर्ति के पूर्ण आच्छादन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का लक्षित निवेश।
5 हजार स्मार्ट गांवों का ग्रीन फील्ड विकास। पर्यावरण के अनुकूल समाधानों पर ध्यान केंद्रित करके सार्वजनिक परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंधन और विस्तार के लिए राज्य परिवहन निगम। औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय विकास के लिए भूमि आवंटन व्यवस्थित करने के लिए भूमि अंकेक्षण।