CG News: ऐसे ही कई स्कूल का हाल
फिलहाल यह स्कूल केवल चार शिक्षकों के ही भरोसे संचालित हो रहा है। पिछले चार साल से स्कूल की यही स्थिति है। वहीं, एक शिक्षक कॉमर्स विषय के हैं, लेकिन यहां कॉमर्स विषय ही नहीं है। विषय के अनुसार तीन ही शिक्षक हैं। स्कूल में अभी कम से कम पांच शिक्षकों की जरूरत और है।
हाल ही में स्कूल और गांव के लोग जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने भी पहुंचे थे। अधिकारी तो मिले नहीं लेकिन उन्होंने शिक्षकों की मांग और चिंता को मांग पत्र में लिखकर ऑफिस के अधिकारियों को दे जरूर दिया है। उनकी मानें तो यदि मांग पूरी नहीं होती है तो हो सकता है कि यहां से बच्चों की संया और कम होती जाएगी।
चार विषय के शिक्षक, एक का तो यहां कोर्स भी नहीं
अलदा स्कूल में अभी चार विषय के
शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। एक अंग्रेजी, एक गणित और एक हिन्दी वहीं एक शिक्षक कॉमर्स का है, लेकिन स्कूल में कॉमर्स का विषय ही नहीं है। शाला विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य डिगेश्वर वर्मा ने बताया कि स्कूल में चार ही शिक्षक होने से काफी समस्या हो रही है। इसके कारण बच्चों की संया में काफी गिरावट हो रही है।
वर्मा ने बताया कि हमने मांग पत्र एडीईओ कलावती भगत को दिया है और उन्हें स्कूल में हो रही समस्या से अवगत भी कराया है। हमने अभी पांच शिक्षकों की मांग की है। जिसमें अंग्रेजी, हिन्दी, रसायन, भौतिकी और संस्कृत के शिक्षक शामिल है। जिसपर एडीईओ ने जल्द कुछ करने की बात कही है। शिक्षक उपलब्ध हो जाते है तो यह काफी अच्छा होगा।
जानकारों की मानें तो
रायपुर के साथ ही कई जिलों में भी शिक्षकों की कमी से कई स्कूल जूझ रहे हैं। हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ ही हाई स्कूल, प्राइमरी स्कूल भी इसमें शामिल है। एक्सपर्ट का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करना चाहिए।