यह सम्मान उन्हें हेल्थ नाऊ एम्बुलेंस और अनहद फार्मा जैसे नवाचारों के लिए दिया गया है, जिन्होंने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक से जोड़ते हुए नई दिशा दी है। घर से नहीं लिया पैसा
कोरोना के दौरान एंबुलेंस सर्विस के दौरान दवा सप्लाई की में परेशानी देखी। इसलिए अनहद फार्मा की शुरुआत की, जो एक बी2बी फार्मा टेक स्टार्टअप है। इसके लिए घर से कोई पैसा नहीं लिया। अनहद फार्मा ने 150 से अधिक फार्मा कंपनियों के साथ करार कर एआई आधारित ऑर्डरिंग और इन्वेंट्री मैनेजमेंट
सिस्टम को लागू किया है। इस सेवा ने उस कठिन समय में 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने में मदद की।
एक साल में 100 करोड़ का टर्नओवर अनहद फार्मा सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। अब यह कंपनी एक नया बी2सी एप लॉन्च करने जा रही है, जिसके माध्यम से ग्राहक सीधे प्लेटफॉर्म से किफायती और समय पर दवाएं प्राप्त कर सकेंगे। शिखर ने बताया कि उन्होंने अपने स्टार्टअप के लिए घर से कोई पूंजी नहीं ली। आज उनकी कंपनी में गुडवाटर कैपिटल जैसे प्रतिष्ठित निवेशकों का समर्थन है।
जानें कौन है शिखर अग्रवाल शिखर अग्रवाल रायगढ़ के कारोबारी राजेंद्र अग्रवाल के पुत्र हैं। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई रायगढ़ में की, उसके बाद पंचगनी (महाराष्ट्र) और फिर हायर सेकंडरी बैंगलुरु से पूरी की। शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 549 के साथ उनका चयन आईआईटी बॉम्बे में हुआ, जहाँ से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।