क्या है पूरा मामला
यह घटना कानपुर के एक यात्री, डॉ. विशाल शर्मा, जो कि कानपुर यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हैं, के साथ हुई। उन्होंने प्रयागराज से मेरठ जाने के लिए सामान्य टिकट लिया था और सीट के लिए टीटीई से अनुरोध किया। टीटीई ने पहले टालमटोल किया और बाद में खाली सीटें रुपये लेकर यात्रियों को देना शुरू कर दिया। डॉ. शर्मा ने आरोप लगाया कि टीटीई ने उनसे 500 रुपये लिए और बाद में 300 रुपये वापस कर दिए। सीट देने के बाद न तो रसीद दी गई और न ही टीटीई ने अपनी नेम प्लेट लगाई।
वीडियो वायरल होने के बाद किया निलंबित
डॉ. शर्मा ने रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होंने वीडियो को सोशल मीडिया पर रेल मंत्री और संबंधित अधिकारियों को टैग करके शिकायत की। वीडियो में साफ तौर पर पैसे के लेन-देन की बातचीत सुनाई देती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआरएम प्रयागराज, रजनीश अग्रवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों टीटीई सुशील कुमार और हितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। इस घटना ने रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और सोशल मीडिया पर लोग रेलवे और सरकार की आलोचना कर रहे हैं। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनसे रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचा है।