क्या है पूरा मामला ?
मृतक दिनेश के दो बेटे हैं अनिल और सुनील। दिनेश की शादी 1995 में पड़ोसी गांव की सोना देवी से हुई थी। उन दोनों की जिम्मेदारी उनकी मां सोना देवी ने उठाया। सोना दिनभर मेहनत और मजदूरी करके बच्चों का पेट पालकर बड़ा किया। दिनेश शुरआत से ही शराब पिता और परिवार को सताते रहता। वो आये दिन सोना के साथ मारपीट करता। दिनेश 2007 में गांव की एक जवान लड़की को अपने साथ भगा ले गया था। उस लड़की के साथ वह महाराष्ट्र के पुणे में रहा। काम बंद हुआ तो 2 साल पहले वो उस लड़की और उससे जन्मे बच्चे रामबाबू को भी छोड़कर भाग निकला। वापस अपने गांव आ गया। 2 साल से अपनी पहली पत्नी सोना और उसके बेटों के साथ रह रहा था।
कैसे हुई दिनेश की मौत ?
दिनेश अक्सर शराब पिने के लिए घर का अनाज बेच दिया करता था। 12 मई को दिनेश ने सरसों बेच दी। इससे एक दिन पहले घर में रखा अनाज बेच दिया था। 13 मई को वह घर पर ही शराब पी रहा था। उसकी पत्नी सोना ने जब विरोध किया तो वह मारने के लिए दौड़ पड़ा। अनिल अपने पिता दिनेश को पकड़ लिया। घर के बाहर लगे नीम के पेड़ में उसे रस्सी से बांध दिया और डंडे बरसाए। इतना मारा कि दिनेश की मौत हो गई। अनिल ने पुलिस से कहा कि मैं अपने पिता को जान से नहीं मारना चाहता था। बस सबक सिखाना चाहता था।
गंगा किनारे दफनाया शव
पिता की मौत की खबर किसी को न लगे, इसलिए दोनों भाइयों ने शाम ढलने का इंतजार किया। अंधेरा होते ही वे चुपचाप गंगा किनारे पहुंचे और वहां एक गड्ढा खोदकर पिता का शव दफन कर दिया। इसके बाद वे चुपचाप घर लौट आए और इस बारे में पुलिस को भी कोई सूचना नहीं दी।
कैसे खुला मौत का राज ?
थाना मांडा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर एक सरकारी खाद-बीज गोदाम स्थित है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। गांव का ही एक युवक वहां ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है। बुधवार को जब वह गोदाम पहुंचा, तो उसने सीसीटीवी फुटेज चेक किया। फुटेज में उसने देखा कि दोनों बेटे अपने पिता की पिटाई कर रहे हैं। यह वीडियो उसने गांव के लोगों को दिखा दिया।
पुलिस के पास पंहुचा वीडियो
वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। 13 मई की शाम को यह पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने वीडियो में नजर आ रही मां और दोनों बेटों को हिरासत में ले लिया। तीनों से दिनेश के बारे में पूछताछ की गई। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा
शुरुआत में तीनों पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन बाद में उन्होंने कबूल किया कि दिनेश की मौत हो चुकी है। जब पुलिस ने शव के बारे में पूछा तो वे चुप हो गए। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दिनेश के शव को गंगा किनारे दफना दिया है। इसके बाद पुलिस ने 15 मई को शव को गड्ढे से बाहर निकलवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
पुलिस ने क्या कहा ?
एसीपी मेजा रवि गुप्ता ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। प्राथमिक जांच में हत्या की वजह शराब की लत और पारिवारिक कलह सामने आई है। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज भी पेश किए गए हैं।