जांच के दौरान सामने आया कि तेजस अस्पताल का पंजीकरण पहले ही समाप्त हो चुका है और उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया भी अधूरी थी। डॉ. पल्लवी सिंह प्रोविजनल पंजीकरण दस्तावेज़ भी प्रस्तुत नहीं कर सकीं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल के पंजीकरण में दर्ज चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की मौजूदगी भी मौके पर नहीं मिली।
टीम की पूछताछ पर डॉ. पल्लवी जवाब देने से बचती रहीं। नियमों की अवहेलना और गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तेजस अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया और पंजीकरण प्रक्रिया को निलंबित कर दिया।
उधर, कार्रवाई से घबराई डॉ. पल्लवी सिंह सीएमओ कार्यालय पहुंचीं और किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा सौंप दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ए.के. तिवारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि डॉ. पल्लवी ने बुधवार को ही सेवा त्यागने का पत्र दिया है। जबकि उन्हें इस कार्रवाई के बाद निलंबित भी कर दिया गया।