scriptCJI बी.आर. गवई ने किया इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैंबर व पार्किंग का लोकार्पण, बोले — न्यायिक क्षेत्र में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम | CJI B.R. Gavai inaugurated the chamber and parking in Allahabad High Court, said - Allahabad High Court's name is written in golden letters in the judicial field | Patrika News
प्रयागराज

CJI बी.आर. गवई ने किया इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैंबर व पार्किंग का लोकार्पण, बोले — न्यायिक क्षेत्र में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम

भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए बने भव्य मल्टीलेवल पार्किंग और चैंबर कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश और केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे।

प्रयागराजMay 31, 2025 / 01:52 pm

Krishna Rai

CJI B.R. Gavai in Prayagraj: भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए बने भव्य मल्टीलेवल पार्किंग और चैंबर कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश, केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत देश की न्यायिक व्यवस्था की कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं। कार्यक्रम के दौरान अधिवक्ताओं के लिए एक चैंबर आवंटन पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिससे पारदर्शिता और डिजिटल सुविधा को बढ़ावा मिलेगा।

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CJI B.R. Gavai
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने प्रयागराज को न्याय, साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम की धरती बताते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का नाम देश की न्यायिक व्यवस्था में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत न्यायिक अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि इस ऐतिहासिक शहर से उनका पुराना नाता है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “योगी तो पावरफुल हैं ही, पर जस्टिस विक्रमनाथ भी पावरफुल जज हैं।” उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि अहिल्याबाई होल्कर की जयंती जैसे प्रेरणादायक दिन पर इस नए परिसर का लोकार्पण हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश ने पार्किंग स्थल के निर्माण को एक मिसाल बताया और कहा कि इस परियोजना के लिए 12 जजों ने अपने सरकारी बंगले त्याग दिए, जो अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि वादकारियों और अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए एक समर्पण है।
मुख्य न्यायाधीश ने बाबा साहब अंबेडकर को भी याद किया और उनके “वन पर्सन, वन वोट, वन वैल्यू” वाले सिद्धांत की चर्चा करते हुए कहा कि जब तक देश से आर्थिक असमानता दूर नहीं होगी, लोकतंत्र पूरी तरह सशक्त नहीं बन सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि देश का संविधान 75 वर्षों में मजबूत आधार पर खड़ा है, और भारत आज प्रगति के जिस पथ पर अग्रसर है, उसकी तुलना उसके पड़ोसी देशों से नहीं की जा सकती।
इस भव्य समारोह ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि न्यायिक ढांचा अब न सिर्फ कानूनी मजबूती की दिशा में, बल्कि सुविधाजनक और तकनीकी रूप से उन्नत व्यवस्था की ओर भी कदम बढ़ा रहा है।

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