पिछले सात साल से कोई भर्ती नहीं हुई
प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे वहीं डटे रहेंगे। उनका आरोप है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर पिछले सात साल से कोई भर्ती नहीं हुई है। पिछली बार साल 2018 में 69 हजार पदों के लिए भर्ती निकली थी।
जरूरी रिक्त पदों की सूची आयोग को नहीं दी गई
अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन हुए दो साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अब तक भर्ती के लिए जरूरी रिक्त पदों की सूची आयोग को नहीं दी गई है। इसी वजह से नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। अब युवा लगातार अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं।
युवाओं में नाराजगी
अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ दिन पहले सरकार ने सोशल मीडिया पर बताया था कि प्राथमिक शिक्षकों के 1.26 लाख पदों पर भर्ती होगी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद वह पोस्ट हटा दी गई। इससे युवाओं में नाराजगी है। उनका कहना है कि सात साल बाद भी भर्ती को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हर साल करीब 2.35 लाख छात्र डीएलएड करते हैं, लेकिन कोर्स पूरा होने के बाद भी नौकरी को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है।