राज्यसभा में चर्चा के दौरान खरगे ने भाषण की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए की और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कांग्रेस की ओर से सेना के समर्थन में निकाली गई ‘जय हिंद’ यात्राओं और कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव का भी जिक्र किया, जिसमें देश की एकजुटता पर जोर दिया गया था। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद विपक्ष द्वारा विशेष सत्र बुलाने की मांग वाले पत्र का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे। वे सऊदी अरब से लौटते ही बिहार में रैली करने चले गए। खरगे ने कहा कि अगर पीएम मोदी में सुनने की क्षमता नहीं है तो वह कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं। उन्होंने हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री का कश्मीर दौरा रद्द होने पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को पहले से किसी हमले की आशंका थी? अगर ऐसा था तो आपने वहां पर्यटकों को क्यों जाने दिया?
सवालों की बौछार
1. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार न करने की धमकी देकर संघर्ष विराम कराने के दावों पर चुप क्यों? 2. जब भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए, तो अचानक संघर्ष विराम की घोषणा क्यों हुई और वो भी किसने की, किस जगह से हुई? 3. किन शर्तों पर संघर्ष विराम हुआ? 4. पाकिस्तान के बैकफुट पर होने के बाद भी संघर्ष विराम क्यों स्वीकार किया गया? 5. क्या अमेरिका ने इसमें दखल दिया? 6. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के पांच जेट गिरने पर चुप्पी क्यों