‘दीदी के गोठ’ रेडियो कार्यक्रम… छत्तीसगढ़ की महिलाओं और परिवारों के लिए प्रेरणास्त्रोत, जानें उद्देश्य और खास बातें
‘Didi ke Goth’ Radio Program: ‘दीदी के गोठ’ कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए एक नई सुबह का प्रतीक बन रहा है। यह सिर्फ जानकारी का साधन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास जगाने वाला मंच है।
‘Didi ke Goth’ Radio Program: छत्तीसगढ़ की पहचान केवल अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और लोककला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां की महिलाओं की भूमिका और उनका योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में प्रदेश में शुरू किया गया ‘दीदी के गोठ’ रेडियो कार्यक्रम न केवल महिलाओं की आवाज को मंच दे रहा है, बल्कि परिवार और समाज में सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा दे रहा है।
‘दीदी के गोठ’ एक विशेष रेडियो कार्यक्रम है, जिसे खासकर महिलाओं के सशक्तिकरण, जागरूकता और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका स्वरूप संवादात्मक और सहज है, जिससे ग्रामीण अंचलों की महिलाएं भी आसानी से जुड़ पा रही हैं। इस कार्यक्रम में महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों- जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्मनिर्भरता, रोजगार के अवसर, सरकारी योजनाएं, पोषण और पारिवारिक संबंधों पर विस्तार से चर्चा की जाती है।
दीदी के गोठ का प्रमुख उद्देश्य
दीदी के गोठ का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की महिलाओं को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ना, उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना है। इस कार्यक्रम में स्व-सहायता समूहों की सफल महिलाओं की कहानियाँ सुनाई जाएंगी। कैसे उन्होंने संघर्ष और कठिनाइयों को पार कर अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूती हासिल की बल्कि समाज में भी एक नई पहचान बनाई।
आज छत्तीसगढ़ की लाखों महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनका जीवन बिहान योजना से सकारात्मक रूप से बदला है। इनकी प्रेरणादायी कहानियां रेडियो की आवाज के माध्यम से हर गांव और हर घर तक पहुंचेगी, ताकि दूसरी महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की राह पकड़ सकें।
कार्यक्रम में ये शामिल
इस कार्यक्रम के प्रभाव को और अधिक व्यापक बनाने के लिए पंचायत, ग्राम संगठन और संकुल संगठन स्तर पर सामूहिक श्रवण की व्यवस्था की गई है। इसमें जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय समुदाय और स्व-सहायता समूह की दीदियां विशेष रूप से शामिल होंगी। सामूहिक श्रवण से ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी संवाद, चर्चा और प्रेरणा का वातावरण बनेगा।
दीदी के गोठ केवल एक रेडियो कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार की दूरदर्शी सोच का प्रतिबिंब है। इसका उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को पूरे समाज तक पहुँचाना, उनके संघर्ष और उपलब्धियों को सामने लाना तथा उन्हें शासन की योजनाओं से जोड़कर सकारात्मक परिवर्तन की राह दिखाना है।
हर महीने के आखिरी रविवार को कार्यक्रम का प्रसारण
प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए रविवार को पहली बार दीदी के गोठ नामक विशेष रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण हुआ। अब यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को दोपहर 12.15 बजे आकाशवाणी रायपुर केंद्र सहित राज्य के सभी आकाशवाणी केंद्रों से एक साथ किया जाएगा।
कार्यक्रम के शुभारंभ संदेश में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, हमे गर्व है, बिहान से जुड़ी दीदियों ने अपने श्रम, साहस और आत्म विश्वास से न केवल अपने परिवार को संभाला है, बल्कि आज गांव में अर्थव्यवस्था की रीड़ बन चुकी है। दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम हर परिवार और हर महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेगा। डिप्टी सीएम व पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कवर्धा जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह की दीदियों और पदाधिकारियों के साथ दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम को सुना। सीएम ने आगे अपने संदेश में कहा, बिहान से जुड़ी स्व-सहायता समूह की बहनें आज अपनी नई पहचान बना रही है।
देश की लाखों महिलाएं इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है और कई तो लखपति दीदी के रूप में सामने आई है। इसी कड़ी में रेडिया में दीदी के गोठ कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इसके माध्यम से हर बिहान की दीदियों को सफलता की कहानियां और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
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