scriptRaksha Bandhan Special : खुशी या गम है इनके लिए राखी… किन्ररों के रक्षाबंधन की कहानी है इमोशनल | Kinnar raksha bandhan kaise manate hai two trans woman share emotional story | Patrika News
Patrika Special News

Raksha Bandhan Special : खुशी या गम है इनके लिए राखी… किन्ररों के रक्षाबंधन की कहानी है इमोशनल

Raksha Bandhan Special Story : रक्षाबंधन 2025 पर किन्नरों की इमोशनल कहानी पढ़िए। देखिए, वो किन्रर समुदाय कैसे राखी का त्योहार मनाता है। देश के दो प्रसिद्ध किन्ररों ने पत्रिका के अपने अनुभव को बताया है।

भारतAug 08, 2025 / 10:15 pm

Ravi Gupta

Raksha Bandhan Special, Raksha Bandhan 2025, Kinnar raksha bandhan kaise manate hai, Rakhi story, Kinnar Rituals on Raksha Bandhan,

रक्षा बंधन पर किन्नरों की कहानी | फोटो सोर्स- पत्रिका

Raksha Bandhan Special : “हमारे लिए रक्षाबंधन खुशी का त्योहार है या गम का, कई बार समझ नहीं पाती। एक ही खून के भाई-बहन हमें ना भाई मानते हैं और ना ही बहन। ऐसे में सोचिए, हमारे लिए राखी का ये त्योहार क्या महसूस कराता है…”, ये बोलकर डॉ. मीरा परिदा थोड़ी देर के लिए चुप सी हो जाती हैं। वो कहती हैं कि आपके सवाल ने मेरा बचपन और बहुत कुछ याद दिला दिया। पर, अब हमारे लिए हजारों भाई-बहन हैं इसलिए कोई कमी नहीं खलती।

संबंधित खबरें

वहीं, मेघना साहू कहती हैं, समय के साथ बहुत बदला है। अब मेरे अपने भाई मुझसे राखी बंधवाते हैं। पर यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान नहीं था। और, सच ये भी है कि अभी भी हजारों किन्नर अपने भाई-बहन का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए, हम किन्नर समुदाय अपने तौर तरीके से राखी का त्योहार मनाते हैं।

किन्नर कैसे मनाते हैं रक्षाबंधन | Kinnar Raksha Bandhan kaise manate hai

Raksha Bandhan Special, Raksha Bandhan 2025, Kinnar raksha bandhan kaise manate hai,
डॉ. मीरा परिदा | फोटो – पत्रिका
इस को लेकर हम लोग भी इसे भाई-बहन के त्योहार के तौर पर ही मनाते हैं। भले सगा भाई ना सही पर राखी भाई को ही बांधते हैं। हम जैसों के लिए तो संसार में जो रक्षक है वही हमारा भाई है। इस दिन हमारे लिए गुरु भाई का खास महत्व होता है। सबसे पहले उसको राखी बांधकर रक्षा बंधन मनाते हैं। इसको लेकर मेघना का कहना है, रक्षा बंधन पर हम अपने गुरु भाई को राखी बांधते हैं और रक्षा करने का वचन देते हैं।

किन्नरों के लिए गुरु भाई कौन है?

Kinnar raksha bandhan kaise manate hai, Rakhi story, Kinnar Rituals on Raksha Bandhan, Raksha Bandhan
मेघना साहू | फोटो पत्रिका
मेघना साहू कहती हैं, हमारे लिए एक गुरु होते हैं और वो एक समय दो जनों को शिक्षा देते हैं। वही दो व्यक्ति गुरु भाई होते हैं। उन दोनों के बीच में भाई-भाई की तरह रिश्ता होता है। हम लोग इस रिश्ते को ताउम्र निभाते हैं। रक्षा बंधन के दिन हम सबसे पहले गुरु भाई ही एक दूसरे को राखी बांधते हैं। इस तरह बाकी लोगों को भी राखी बांधकर इस त्योहार को मनाते हैं।

किन्ररों का अपने भाईयों के साथ रिश्ता नहीं?

डॉ. मीरा ने कहा, जैसे ही हमारी असली पहचान सामने आई उसके बाद क्या मां-बाप और क्या भाई-बहन, सब रिश्ता खत्म कर लेते हैं। एक ही खून, एक ही मां-बाप से जन्म लिए लेकिन, किन्नर की पहचान सामने आने पर ये सब मायने नहीं रखता। हम उनके लिए दुश्मन से भी बढ़कर हो जाते हैं। पर, अफसोस नहीं और ना ही अपने भाई-बहन से मुझे नफरत है। मैं आज भी उनको अपना मानती हूं। आज एक भाई ने ठुकरा दिया है लेकिन, दुनिया के सैकड़ों भाई मेरे लिए व मेरे जैसे किन्रर के लिए खड़े हैं। मेरे लिए इससे बड़ा कुछ नहीं।
वहीं, इस पर मेघना का भी कहना है कि पहले भले भाई-बहन ना स्वीकार किए हो मुझे, लेकिन अब उनके साथ रिश्ता अच्छा है। समाज में हमारी पहचान बदली है। हमें घर-परिवार व समाज स्वीकार कर रहा है। मैं हर साल अपने भाई को राखी बांधने जाती हूं या वो भी आते हैं। उम्मीद है कि एक दिन ऐसा समय सारे किन्नरों के लिए भी आएगा।

किन्ररों की रक्षा भाई बनकर करे सरकार

दुनिया में अपनी मौजूदगी को लेकर डॉ. मीरा कहती हैं, आंकड़े बताते हैं कि दुनिया की पूरी आबादी का एक प्रतिशत हिस्सा किन्रर समुदाय का है। साथ ही 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 4,87,803 ट्रांसजेंडर हैं। किन्नरों की आबादी के मामले में भारत दुनिया के टॉप देशों की लिस्ट में है। फिर भी हम अपने घर-परिवार, देश-समाज में सुरक्षित नहीं हैं। मैं चाहती हूं कि सरकार हमारे लिए भाई बनकर हमारी रक्षा करे और यही हमारे लिए तोहाफा होगा।

किन्नरों की सुरक्षा की बात क्यों कर रहे?

शोध (Indian Journal of Psychological Medicine) के मुताबिक, भारत में 32% – 50% किन्नर भेदभाव, यौन शोषण, बुलिंग आदि के कारण आत्महत्या का प्रयास करते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार के अनुसार, स्वास्थ्य व परिवार मंत्रालय ये कहता है कि करीब 31 प्रतिशत ट्रांसवुमन के साथ पहला यौन संबंध उनकी बैगर मर्जी के ही पुरुष द्वारा बनाया जाता है। इस पर डॉ. मीरा व मेघना कहती हैं कि भारत में किन्नर असुरक्षित हैं और वो आज भी सुरक्षा के लिए समाज व सरकार की ओर नजर टिकाए हैं। उम्मीद है कि किसी रक्षाबंधन पर उनको ऐसा तोहफा मिलेगा जिससे वो भी सुरक्षित जीवन जी पाएंगे।

Hindi News / Patrika Special / Raksha Bandhan Special : खुशी या गम है इनके लिए राखी… किन्ररों के रक्षाबंधन की कहानी है इमोशनल

ट्रेंडिंग वीडियो