Jamun Juice Health Benefits : जामुन का जूस क्या यह सच में ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है? आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से जानिए
Jamun Juice Blood Sugar Control : जामुन का जूस और जामुन की गुठलियों का पाउडर डायबिटीज को कंट्रोल करने में किसी अमृत से कम नहीं है। आज हम जानते हैं। ब्लड शुगर को मैनेज करने में जामुन का जूस कितना असरदार है।
Jamun Juice Health Benefits : जामुन का जूस क्या यह सच में ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है? (फोटो सोर्स : Freepik)
Jamun Juice Health Benefits : जामुन जिसे काला बेर या सिजीगियम क्यूमिनी भी कहा जाता है भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। इसका मीठा और हल्का खट्टा स्वाद पाककला में बहुत उपयोगी है। आप इसे कच्चा खा सकते हैं, सॉस या जैम में बदल सकते हैं या इसके बीजों का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए कर सकते हैं।
जामुन का सेवन (Jamun juice) करने का एक और शानदार तरीका है इसका रस बनाना। इसका स्वाद अनोखा मीठा और तीखा होता है लेकिन बाद में थोड़ा कसैला भी हो सकता है। नियमित रूप से जामुन के रस का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए खासकर ब्लड शुगर (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में, बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ राम स्वरूप शर्मा ने डायबिटीज को कंट्रोल करने में जामुन का रस और जामुन की गुठली का पाउडर के बारे में बताया ।
Jamun juice for Blood Sugar Control : जामुन का रस ब्लड शुगर प्रबंधन में कैसे मदद करता है?
Jamun juice for diabetes (फोटो सोर्स : Freepik) डॉ राम स्वरूप शर्मा शुद्ध जामुन के रस में जैम्बोलिन और एलाजिक एसिड जैसे बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर में शुगर के अवशोषण को स्वाभाविक रूप से धीमा कर देते हैं। काले जामुन में मौजूद महत्वपूर्ण घटक एंथोसायनिन और पॉलीफेनोलिक यौगिक (ग्लूकोसाइड, एंथोसायनिन, एलाजिक एसिड, आइसोक्वेरसेटिन, जैम्बोलिन और जैम्बोसिन) हैं जिनके ब्लड शुगर को कम करने में सहायक पाए गए हैं। हालांकि इनमें से जैम्बोलिन और जैम्बोसिन कार्बोहाइड्रेट के हाइड्रोलिसिस को सरल शर्करा में बदल देते हैं और इस प्रकार मधुमेह की स्थिति में सुधार करते हैं। वे बताते हैं। ये यौगिक स्थिर ग्लूकोज स्तर को बनाए रखने में सहायता करते है जिससे हाई ब्लड शुगर (Blood Sugar) वाले लोगों को इसे प्रबंधित करने का एक आसान और स्वस्थ तरीका मिलता है। साथ ही यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है जिससे यह डायबिटीज के अनुकूल फल बन जाता है।
2022 में ‘मोलेक्यूल्स’ नाम की एक पत्रिका में एक स्टडी छपी थी। इसमें बताया गया है कि जामुन का इस्तेमाल दुनियाभर में मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि जामुन के बीज जिन्हें ‘मगज़-ए-जामुन’ या ‘तुख़्म-ए-जामुन’ भी कहते हैं ब्लड शुगर (Blood Sugar) के हल्के बढ़े हुए स्तर (प्री-डायबिटीज) को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही इनमें एंटीहाइपरलिपिडेमिक प्रभाव होता है। इसका मतलब है कि जामुन के बीज खून में खराब फैट (जैसे कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स) को भी कम करते हैं।
इसके अलावा यह फल कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो इसे डायबिटीज रोगियों के आहार के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है।
आपको एक दिन में कितना जामुन का रस पीना चाहिए?
Jamun Juice Can it really control blood sugar Know its benefits (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini) डॉ. ने दिन में तीन बार 0.5 – 2 चम्मच (2.5 – 10 मिलीलीटर) पके जामुन का रस पीने की सलाह देते हैं।
जहां तक फलों की बात है, आप दिन में 8-10 फलों का सेवन कर सकते हैं।
जामुन के कुछ साइड इफेक्ट्स (Jamun juice side effects)
ब्लड शुगर में गिरावट: कम रक्त शर्करा वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह शर्करा के स्तर को और भी कम कर सकता है। एलर्जी की प्रतिक्रिया: कुछ लोगों को खुजली, सूजन या दाने हो सकते हैं।
गले में खराश: बहुत अधिक कच्चे जामुन खाने से कभी-कभी गले में जलन हो सकती है। कब्ज: ज्यादा खाने से पाचन धीमा हो सकता है। सर्जरी से पहले सुरक्षित नहीं: जामुन रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए सर्जरी से पहले या बाद में इसे न खाने की सलाह दी जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार जामुन जूस के स्वास्थ्य गुण
आयुर्वेदिक पहलू
विवरण
लाभ
आयुर्वेदिक संदर्भ
संस्कृत नाम
जम्बू / महाफल
आयुर्वेद में पवित्र फल
चरक संहिता, सुश्रुत संहिता
रस (स्वाद)
कषाय (कसैला), मधुर (मीठा)
पित्त व कफ का संतुलन, अत्यधिक प्यास कम करना
चरक संहिता
गुण (विशेषताएँ)
लघु (हल्का), रूक्ष (सूखा)
पाचन सुधारना, अतिरिक्त कफ कम करना
भावप्रकाश
वीर्य (स्वभाव)
शीत (ठंडा)
पित्त शांत करना, शरीर की गर्मी कम करना
आयुर्वेदिक मत
विपाक (पाचन पश्चात प्रभाव)
कटु (तीखा)
चयापचय (मेटाबॉलिज़्म) को नियंत्रित करना
चरक संहिता
दोष प्रभाव
पित्त व कफ संतुलित करता है, अधिक मात्रा में लेने पर वात बढ़ा सकता है
मधुमेह, अम्लपित्त, त्वचा रोग में उपयोगी
अष्टांग हृदय
प्रभाव (विशेष क्रिया)
मधुमेह-हर (शुगर कम करने वाला)
रक्त शर्करा नियंत्रित करना, अग्न्याशय को सहारा देना
पाचन सुधारना, रक्त शुद्ध करना, मसूड़ों को मजबूत करना
सुश्रुत संहिता
उपयोग किया जाने वाला भाग
फल, बीज, छाल, पत्तियाँ
बहुउपयोगी औषधीय प्रयोग
भावप्रकाश
प्रयोग के रूप
ताज़ा जूस, बीज का चूर्ण, काढ़ा, लेप
विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में प्रयोग
चरक संहिता
ऋतु
ग्रीष्म व वर्षा
ताज़ा और मौसमी सेवन सर्वोत्तम
आयुर्वेदिक ऋतुचर्या
वर्जन (सावधानियाँ)
कम शुगर वाले व्यक्ति, कब्ज, गले की खराश वाले लोग
अधिक सेवन से बचें
आयुर्वेदिक सावधानियाँ
साथ में लेने की सलाह
शहद के साथ (कफ रोग में), मट्ठे के साथ (पाचन में)
औषधीय असर बढ़ाता है
भावप्रकाश
अन्य गुण
रक्त शोधन, आम्लपित्त नाशक
त्वचा और यकृत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
आयुर्वेदिक ग्रंथ
आधुनिक समानता
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
ग्लूकोज़ नियंत्रण व हृदय स्वास्थ्य में सहायक
Source : ChatGPT
डॉ. शर्मा कहते हैं जामुन में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। इसलिए, मधुमेह-रोधी दवाओं के साथ जामुन लेते समय आमतौर पर अपने ब्लड शुगर के स्तर पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
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