तुवालू में संकट की गंभीरता क्या है?
लगभग 11,000 की आबादी वाला यह देश पहले ही दो प्रवाल द्वीप खो चुका है। अगर मौजूदा रुझान जारी रहा, तो 2050 तक अधिकांश भूमि और बुनियादी ढांचा पानी में डूब जाएंगे। यह दुनिया के सबसे जलवायु-जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया में बसने का समझौता कैसे हुआ?
2023 में तुवालू और ऑस्ट्रेलिया ने ‘फलेपिली यूनियन संधि’ पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत हर साल 280 तुवालू नागरिकों को स्थायी निवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास और नौकरियों के पूर्ण अधिकार मिलेंगे। पहले चरण में 8,750 पंजीकरण हुए हैं। नागरिकों का चयन बैलेट से होगा। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इसे सम्मानजनक पुनर्वास का अवसर बताया।
तुवालू की खासियतें क्या हैं?
26 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला यह देश हर साल औसतन 2,000 पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा इंटरनेट डोमेन ’.टीवी’ से आता है। यहां कोई एटीएम नहीं है और क्रेडिट कार्ड स्वीकार नहीं किए जाते, इसलिए पर्यटकों को पर्याप्त ऑस्ट्रेलियाई डॉलर नकद लेकर आना पड़ता है।
कितने लोग ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट होंगे?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस कार्यक्रम और अन्य प्रवासन मार्गों के जरिए हर साल करीब 4 फीसदी आबादी ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में जाएगी। एक दशक में लगभग 40 फीसदी लोग देश छोड़ सकते हैं, कुछ लौट भी सकते हैं। तुवालू के पीएम फेलेटी टेओ ने इस संकट पर वैश्विक कार्रवाई की अपील करते हुए समुद्र-स्तर का जोखिम उठा रहे देशों के अधिकारों की रक्षा के लिए नई वैश्विक संधि की मांग की है।