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हत्या में शामिल महिला 2 माह बाद गिरफ्तार, पहले निर्दोष बताकर पुलिस ने खुद बचाया, फिर आईजी ने की कार्रवाई

Janjgir Champa News: महिला ने अपने बेटों को हत्या के लिए उकसाई थी। विवेचना के दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी ने गोलमोल विवेचना कर आरोपियों से साठ-गांठ कर मुख्य आरोपी महिला को बचा दिया था।

जांजगीर चंपाJul 17, 2025 / 12:51 pm

Khyati Parihar

जेल (प्रतीकात्मक फोटो)

जेल (प्रतीकात्मक फोटो)

CG News: बिर्रा थाना क्षेत्र के गांव सेमरिया में दो माह पहले हत्या जैसे संगीन मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी व एसडीओपी ने हत्या के लिए उकसाने वाली महिला को निर्दोश करार दिया था उसे अब मौजूदा एसपी ने सह आरोपी बताकर जेल दाखिल कर दिया है। दरअसल, महिला ने अपने बेटों को हत्या के लिए उकसाई थी। विवेचना के दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी ने गोलमोल विवेचना कर आरोपियों से साठ-गांठ कर मुख्य आरोपी महिला को बचा दिया था।
पत्रिका ने जब थाना प्रभारी से पूछताछ कर साठ-गांठ का आरोप लगाया था तो थाना प्रभारी ने विवेचना अकेले मैं नहीं बल्कि एसडीओपी चांपा भी साथ होना कहा था। मामले में अपने आपको विश्वसनीय पुलिस कहने वाले एसडीओपी भी महिला को बचाने में साथ दिया था। आखिरकार नए एसपी विजय कुमार पांडेय के आने के बाद पीड़ितों ने अपनी पीड़ा उनके पास बयां की। तब एसपी ने मामले की पड़ताल की और महिला को सह आरोपी बताकर आरोपी बनाया और उसे न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।

यह था पूरा मामला

सेमरिया में एक शादी हो रही थी। जिसमें चूलमाटी खोदने गए थे। उस दरम्यान देवी प्रसाद उर्फ दीवान कश्यप 42(मृतक) निवासी सेमरिया के साथ मुख्य आरोपी रामेश्वर कश्यप का मामूली वाद विवाद हुआ था। उसी बात को लेकर आरोपी रामेश्वर कश्यप द्वारा मृतक से रंजिश का बदला लेने के लिए आरोपी रामेश्वर कश्यप ने अपने साथी संजीव कुमार कश्यप, दूज राम कश्यप एवं एक नाबालिग बालक के साथ मिलकर 10 मई को साप्ताहिक बाजार कर शाम को अपने घर जा रहा था।
तभी सभी आरोपियों द्वारा एक राय होकर देवी प्रसाद कश्यप का रास्ता रोककर ताबड़तोड़ हमला करते हुए डंडे एवं रॉड से मारपीट कर वहां से भाग गए। मारपीट से मृतक को गंभीर चोट लगने से तत्काल इलाज के लिए जांजगीर जिला अस्पताल भेजा गया वहां से सिम्स रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान देवी प्रसाद की मृत्यु हो गई थी।

आईजी से भी की फरियाद तब हुई कार्रवाई

पीड़ित परिवार की महिला शारदा कश्यप ने आरोप लगाते हुए बताई कि बिर्रा पुलिस मुख्य आरोपी महिला सरस्वती कश्यप से लेनदेन कर बचाती रही और उसे फरार घोषित करती रही। कई बार उसे पुलिस थाने में भी बुलाया और चमकाती रही। आखिरकार पीड़ित आईजी डॉ. संजीव शुक्ला के पास फरियाद की तो शुक्ला ने मामले में गंभीरता से लिया और आरोपी महिला की गिरफ्तारी के निर्देश दिए तब महिला की गिरफ्तारी हुई।

फरार नहीं घर पर थी आरोपी महिला

विवेचना दौरान आरोपी रामेश्वर कश्यप, दूसरा संजीव कुमार कश्यप उर्फ संजू एवं दूजराम कश्यप सभी निवासी सेमरिया थाना बिर्रा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। हत्या के प्रकरण में शामिल महिला आरोपी सरस्वती कश्यप जो घर पर थी इसके बाद भी बिर्रा पुलिस झूठबोलकर उसे फरार बता रही थी। आखिरकार एसपी के दबाव में महिला को आरोपी बनाकर बुधवार को जेल दाखिल किया गया।

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