सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी की घोषणा प्रदेश अध्यक्ष और संगठन के वरिष्ठ नेताओं के हाथ में है। इसलिए इसमें किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कतें नहीं है। रही बात मंत्रिमंडल के विस्तार की तो इसका सीधा हस्तक्षेप शीर्ष नेतृत्व का रहेगा। इसलिए जब तक दिल्ली से नाम नहीं आएंगे तब तक मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय नहीं हो सकती।
नए-पुराने का हो सकता है समीकरण
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल में नए और पुराने का समीकरण बहुत मायने रखेगा। इस लिहाज से फिलहाल एकाध नए और एक पुराने विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। इस लिहाज से देखें तो जो नाम चर्चा में हैं उनमें गजेंद्र यादव, राजेश अग्रवाल, अमर अग्रवाल, लता उसेंडी, राजेश मूणत, गुरुखुशवंत सिंह शामिल हैं। हरियाणा पैटर्न होगा तो 3 मंत्री नहीं तो दो बनेंगे
बता दें कि
छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा पैटर्न को लागू होने की चर्चा भाजपा और प्रशासनिक हल्कों में है। क्योंकि हरियाण में 90 विधानसभा सीट है। वहां 14 मंत्री बनाए गए हैं। इसलिए अब यहां भी 14 मंत्री चर्चा तेज है। यदि भाजपा छत्तीसगढ़ में हरियाणा पैटर्न लागू करती है तो तीन नए मंत्री बनेंगे नहीं तो सिर्फ दो ही मंत्री बनाए जाएंगे। क्योंकि साय कैबिनेट में दो मंत्रियों के पद रिक्त है।
महामंत्रियों के नामों की भी चर्चा
इधर, प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के विस्तार में दो महामंत्रियों की नियुक्ति की जानी है। ऐसे में इसके दावेदारों के नाम भी बहुत तेजी से चर्चा में हैं। जिसमें अभिषेक सिंह, रजनीश सिंह, आखिलेश सोनी और महिलाओं में विधायक भावना बोहरा और पूर्व विधायक रंजना साहू के नाम भी चर्चा तेज है। इसके अलावा भाजपा महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की भी नियुक्ति की जानी है। इसके लिए संगठन स्तर पर नामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।