बाहरी को कितना मिलेगा लाभ
कैबिनेट की बैठक में बिहार शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति पूरी तरह से लागू नहीं करने का फैसला लिया गया। कैबिनेट के फैसले के अनुसार बिहार राज्य विद्यालय नियुक्ति में 100 प्रतिशत में 84.4 प्रतिशत आरक्षण होगा, जिसमें बिहार के लोगों की बहाली होगी। जबकि 16 प्रतिशत कोटा में बिहार और बिहार के बाहर के लोगों की बहाली होगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार में जातीय तौर पर 50 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत पहले से आरक्षण है है। इसके बाद बची 40 प्रतिशत अनारक्षित (सामान्य) सीटों में 35 प्रतिशत सीट बिहार मूल की महिलाओं के लिए रिजर्व है। सरकार ने इस नियमावली में संशोधन कर 40 प्रतिशत अनारक्षित (सामान्य) सीटों के बचे 65 प्रतिशत सीटों में से 40 प्रतिशत सीट उनके लिए आरक्षित कर दी गई, जिन्होंने बिहार से मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं किसी भी बोर्ड से पास की हो। इस तरह 40 प्रतिशत अनारक्षित (सामान्य) सीटों में अब मात्र 15 प्रतिशत सीटे बच जाएंगी जिनपर बिहार और दूसरे राज्य के सामान्य वर्ग के पुरुष महिला आवेदन कर सकेंगे।
कैबिनेट के फैसले में डोमिसाइल पर क्या लिखा है?
कैबिनेट की बैठक में शिक्षक भर्ती के लिए डोमिसाइल नीति के प्रस्ताव में लिखा गया है- “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशत) (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन के उपरांत बिहार राज्य से शैक्षणिक अर्हता प्राप्त अभ्यर्थी विद्यालय अध्यापक के पद पर अधिक संख्या में नियुक्त हो सकेंगे।” मतलब साफ है कि बिहार में पढ़ने वालों को ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्राथमिकता मिलेगी। यानी, डोमिसाइल के नाम पर जो आरक्षण जैसी सुविधा मिलेगी, उसके लिए बिहार की शैक्षणिक इकाई का प्रमाणपत्र ही मान्य होगा।