जॉब, महंगाई और अनियमितताओं पर फोकस
लालू यादव की बैठकों में खास जोर बूथ प्रबंधन, टर्नआउट बढ़ाने के लिए सूक्ष्म योजना और जिला इकाइयों व केंद्रीय चुनावी वॉर रूम के बीच तालमेल पर दिया जा रहा है। आरजेडी का चुनावी नैरेटिव नौकरियों, महंगाई, कल्याण योजनाओं की डिलीवरी और मतदाता सूची संशोधन में कथित अनियमितताओं जैसे मुद्दों पर टिका है। लालू इन मुद्दों को लेकर संदेश को पैना करने और जनता तक पहुंचाने पर जोर दे रहे हैं।
कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकी
लालू के सीधे जुड़ाव का असर पटना में साफ दिखा, जहां पार्टी दफ्तरों में कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यकर्ता जिम्मेदारियों के बंटवारे और चुनावी असाइनमेंट के लिए कतारों में नजर आए। वहीं, आरा से मिली रिपोर्ट के अनुसार, नए स्वयंसेवकों की भर्ती, डोर-टू-डोर कॉन्टैक्ट प्लान और डिजिटल आउटरीच की तैयारियां जोरों पर हैं।
विपक्षी दलों के कार्यक्रमों के साथ तालमेल
आरजेडी की चुनावी गतिविधियां विपक्षी दलों के सार्वजनिक कार्यक्रमों और यात्राओं के साथ तालमेल में रखी जा रही हैं। इसका मकसद पार्टी के संदेश को शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण गढ़ों तक फैलाना है। आने वाले हफ्तों में पार्टी चरणबद्ध रैलियां, नुक्कड़ सभाएं और सोशल मीडिया ड्राइव लॉन्च करने जा रही है।
लालू यादव का पारंपरिक ‘कोलिशन टच’
पार्टी के भीतर यह मान्यता है कि लालू यादव का सबसे बड़ा हथियार उनका पारंपरिक ‘गठबंधन बनाने का कौशल’ है। वे जातीय समीकरणों को युवाओं और किसानों के मुद्दों से जोड़ने में माहिर हैं। इस बार भी वे महंगाई, शिक्षा, भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी, कृषि संकट और बुनियादी नागरिक सेवाओं जैसे स्थानीय मुद्दों को चुनावी पिच में शामिल कर रहे हैं।
पार्टी में अनुशासन और एकजुटता पर जोर
पार्टी नेतृत्व लगातार यह संदेश दे रहा है कि अनुशासित प्रचार और एकजुट कार्यशैली ही कड़े मुकाबलों में जीत की कुंजी होगी। चुनावी अभियान को डेटा-आधारित मॉनिटरिंग से जोड़ा जा रहा है ताकि मतदान प्रतिशत में कमी वाले इलाकों और ‘स्विंग वोटर’ क्लस्टर को पहचाना जा सके।