बाढ़ का पानी घरों में घुसा
जल संसाधन विभाग के अनुसार कर्मनाशा, धर्मावती, दुर्गावती, मोहाने, भूतही, माही, बाया, गंडकी, दाहा, बरही, कारी कोसी, चिरैया,घोघा नदियां लाल निशान के पार पहुंच गई हैं। इसके कारण सारण, कटिहार, कैमूर, नालंदा, भागलपुर,समस्तीपुर,बक्सर जिले के बड़े इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ का पानी ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करने के कारण गांव में रहने वाले लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार कई नदियां खतरे के निशान से दो से पांच मीटर तक ऊपर बह रही हैं। यही नहीं इनके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।
तटबंधों की सुरक्षा बढ़ी
गंगा, कोसी,बागमती,अधवारा,गंडक,बूढ़ी गंडक,महानंदा,घाघरा,सोन और पुनपुन का जलस्तर पिछले 10 दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके कारण तटबंधों पर भारी दबाव को देखते हुए विभाग के अभियंता रात्रिकालीन पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। जबकि तटबंध सुरक्षाकर्मी 24 घंटे गश्ती कर रहे हैं। किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति को देखते हुए आस पास के पंचायतों को भी अलर्ट मूड पर रहने को कहा गया है। उनको किसी प्रकार के कटाव या रिसाव की स्थिति में तत्काल इसकी सूचना देने को कहा गया है। जल संसाधन विभाग ने सभी 3800 किलोमीटर तटबंधों सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर उनकी जानकारी सार्वजनिक कर दी है।कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र के सुरक्षाकर्मी की जानकारी क्यूआर कोड स्कैन करके हासिल कर सकता है।
10 जिलों के 17.62 लाख लोग बाढ़ प्रभावित
बिहार में हो रही बारिश के कारण बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 8 से बढ़कर 10 हो गई है। इन दस जिलों के 46 प्रखंडों की 269 ग्राम पंचायतों के 17 लाख 62 लाख लोग बाढ़ प्रभावित हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, वैशाली, भोजपुर, पटना, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, सारण, खगड़िया और सुपौल बाढ़ प्रभावित जिले हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए विभिन्न जिलों में 321 सामुदायिक रसोई से रोजाना चल रही है। इससे बाढ़ प्रभावित लगभग 3.71 लाख लोगों को भोजन कराया जा रहा है।
राहत शिविर में पहुंचे लोग
इसके अतिरिक्त आपदा विभाग की ओर से दो राहत शिविर लगाए गए हैं। इसमें लगभग 1306 बाढ़ शारणार्थियों के लिए आवासन, भोजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 54200 पॉलिथीन शीट एवं लगभग 10650 सूखा राशन के पैकेट बांटा दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों के आवागमन में सुविधा के लिए 1186 नावें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए एसडीआरएफ की 22 और एनडीआरएफ की 10 टीमों प्रतिनियुक्त की गई है।