ज्ञापन में बताया कि खुशबू की मौत के बाद जब उसे डोली गांव लाया तो पीहर पक्ष की ओर से एम्बुलेंस में उसकी देह की फोटो खींची थी। खुशबू के शरीर पर चोट के निशान थे। परिजनों के जांच कराने का कहने पर भी जबरदस्ती उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। ज्ञापन में आरोप लगाया कि खुशबू की दहेज के लिए हत्या की है। उनकी दूसरी बेटी निरमा, जिसका विवाह भी उसी घर में किया है। उसे भी घर से निकालने की धमकी दी है। ज्ञापन देते समय पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, महामंत्री शिशुपालसिंह राजपुरोहित, कांग्रेस नेता महावीर सिंह सुकरलाई, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष चुन्नीलाल चाड़वास, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील भंडारी, चंद्रभान सिंह राजपुरोहित, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा, जबरसिंह राजपुरोहित, रणवीरसिंह राजपुरोहित, महेंद्रसिंह धांधलास, अशोकसिंह राजपुरोहित आदि मौजूद रहे।
यह है मामला
रोहट क्षेत्र के धर्मधारी निवासी खुशबू राजपुरोहित पुत्री गंगासिंह राजपुरोहित की शादी 11 जुलाई 2024 को डोली राजगुरु बालोतरा के भोमसिंह पुत्र नारायणसिंह से हुई थी। इसके बाद खुशबू कुछ समय तक ससुराल डोली गांव में रही। उसे तीन माह पहले पति भोमसिंह हनुमानगढ़ के रावतसर ले गया। जहां उनका मिष्ठान का बिजनेस है। वहीं 16 जून को खुशबू फंदे पर लटकी मिली थी। उसका 17 जून को डोली गांव लाकर अंतिम संस्कार किया गया।