भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को कड़े और सख़्त क़दम उठाने चाहिए और ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की स्थिति में उन्हें ज़िम्मेदार ठहराया जा सके। इसके अलावा भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता बरक़रार रहे और लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ छलावा न हो। इसके लिए इन भर्ती परीक्षाओं की संपन्नता पूर्ण पारदर्शिता के साथ हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। – शैलेंद्र टेलर, उदयपुर
भर्ती परीक्षाओं की सारी प्रक्रिया में ही बदलाव किया जाए। इसमें ज्यादा लंबी प्रक्रिया न हो। राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण न दिया जाए। कठोरता से जांच की जाए। पारदर्शिता का ध्यान रखा जाए। जनाधार नंबर को वन टाइम रजिस्ट्रेशन में अपडेट करे। इससे डमी अभ्यर्थी और धोखाधड़ी को रोकने में सहायता मिलेगी। दोषी लोगों को अगली परीक्षा में वंचित किया जा सकता है। – लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़
भर्ती परीक्षा में पेपर आउट होना, कापी जांचने/साक्षात्कार अंक आदि जैसा भ्रष्टाचार किया जाता है। यूपीएससी परीक्षा जैसी सख्ती और भारतीय बजट जैसी गोपनीयता एवं चयनित उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं को देखने की सुविधा तथा व्यक्तिगत साक्षात्कार की वीडियोग्राफी जैसे प्रयास से भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सकता है। – करुणाकर त्रिपाठी, भोपाल
भर्ती परीक्षाओं में आए दिन बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य किया जाना चाहिए। इससे ‘डमी’ उम्मीदवारों की पहचान आसानी से की जा सकती है। साथ ही पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा को ऑनलाइन, यानी कंप्यूटर-आधारित बनाना एक प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, प्रश्नपत्रों को एन्क्रिप्टेड फॉर्म में भेजा जाए और परीक्षा के समय ही उन्हें खोला जाए। – डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर