scriptफरियादी बोला कि ठेकेदार के साथ उसकी साझेदारी थी, पहले 5 हजार दिए, बाद में 15 हजार | विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही हुई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार सुरेश यादव के साथ उसकी साझेदारी थी। | Patrika News

फरियादी बोला कि ठेकेदार के साथ उसकी साझेदारी थी, पहले 5 हजार दिए, बाद में 15 हजार

विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही हुई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार सुरेश यादव के साथ उसकी साझेदारी थी।

ग्वालियरAug 25, 2025 / 11:08 am

Balbir Rawat

special sessions court

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विशेष सत्र न्यायालय में शनिवार को उस मामले में फरियादी की गवाही हुई, जिसमें ईओडब्ल्यू ने नगर निगम की उपयंत्री वर्षा मिश्रा को रिश्वत के मामले में क्लीन चिट दी थी। फरियादी अनूप यादव ने कहा कि ठेकेदार सुरेश यादव के साथ उसकी साझेदारी थी। इसके लिए 10 लाख रुपए सुरेश यादव को दिए थे। वॉट्सएप चैट भी न्यायालय में पेश की, जिसको लेकर ठेकेदार व फरियादी के बीच साझेदारी को लेकर चर्चा हुई थी। उसने बताया कि भुगतान के बदले में पहले 5 हजार रुपए लिए थे, उसके बाद 15 हजार लेने के लिए बुलाया था। गाड़ी में पैसे दिए थे। कोर्ट ने फरियादी को &0 अगस्त को फिर से गवाही के लिए बुलाया है।
दरअसल अनूप सिंह यादव ने 9 फरवरी 202& को ईओडब्ल्यू में रिश्वत मांगने की शिकायत की। उसके पास पांच पार्क के संधारण का ठेका था। पार्क में काम पूरा होने के बाद नगर निगम से भुगतान किया जाना है। 6 लाख 70 हजार के बिल पास करने के बदले में उपयंत्री 20 हजार की रिश्वत मांग रही है। इसकी शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने वर्षा मिश्रा को रंगे हाथ पकडऩे के लिए जाल बिछाया। नगर निगम मुख्यालय के बाहर 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। रिश्वत कार के अंदर दी गई। फरियादी आगे की सीट पर बैठा हुआ था। उप यंत्री पीछे की सीट पर। पैसे गाड़ी की सीट पर रख दिए।
इन दो बिंदुओं पर हो रही है फरियादी की गवाही

– ईओडब्ल्यू ने खात्मा रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि फरियादी अनूप यादव का वर्षा मिश्रा से कोई काम नहीं था। पार्क संधारण का ठेका सुरेश यादव के पास था। इसलिए अनूप यादव का लोकशन हीं बनता है, लेकिन फरियादी ने इसका खंडन करने के लिए सुरेश यादव के साथ हुई बातचीत के अंश पेश किए। खुद को साझेदार बताया है।
– रिश्वत दो बार देना बताया है। पहली बार 5 हजार रुपए व उसके बाद 15 हजार रुपए।

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