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कोरोना महामारी में बंद हुई लोकल ट्रेन पांच साल भी पटरी पर नहीं लौटी

कोविड के समय बंद की थी अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन, अब तक चालू नहीं

सिरोहीJun 09, 2025 / 03:45 pm

MAHENDRA SINGH VAGHELA

आबूरोड रेलवे स्टेशन

आबूरोड रेलवे स्टेशन

आबूरोड/ सिरोही. छोटे स्टेशनों व उनके आसपास के गांवों के लोगों के लिए लोकल ट्रेन लाइफ लाइन मानी जाती है। ऐसी एक ट्रेन अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन थी, जो आबूरोड और मारवाड़ जंक्शन होकर संचालित की जा रही थी। वर्ष 2020 में वैश्विक कोरोना महामारी के समय एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ इस लोकल ट्रेन का भी संचालन बंद कर दिया था। महामारी नियंत्रण में आने पर सभी एक्सप्रेस ट्रेन पुन: पटरी पर आ गई, लेकिन यह ट्रेन कोरोना के पांच साल बाद भी पटरी पर नहीं लौटी।
रेलवे प्रशासन इस ट्रेन को चलाना भूल गया या यात्री सुविधा की जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। लेकिन इसका परिणाम सिरोही और पाली जिले के करीब 20 छोटे स्टेशनों (रोड साइड स्टेशन) व इनके आसपास के 100 से अधिक गांवों के हजारों यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

सिरोही व पाली जिले में 20 छोटे स्टेशन

सिरोही व पाली जिले में आबूरोड व मारवाड़ के बीच मोरथला, किवरली, भीमाना, सरूपगंज, बनास, पिंडवाड़ा, केशवगंज, नाना, कोठार, मोरीबेड़ा, जवाई बांध, बिरोलिया, फालना, खिमेल, रानी, भगवानपुरा, बांता रघुनाथगढ़, सोमेसर, आऊआ समेत करीब 20 छोटे स्टेशन हैं। गुजरात सीमा से सटा मावल स्टेशन भी सिरोही जिले में आता है। इन स्टेशनों पर केवल लोकल ट्रेन का ठहराव होता है। ऐसे में अब लोकल के अभाव में एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़े स्टेशन पर उतरकर फिर बसों या अन्य साधनों से गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है। जिसमें समय के साथ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दो जिलों के 20 स्टेशनों व 100 से अधिक गांवों के लोग ट्रेन सुविधा से वंचित

लोकल ट्रेन सभी छोटे स्टेशनों (रोड साइड स्टेशन) पर रुकती है। अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन का सिरोही जिले में मावल से पिंडवाडा़ स्टेशन व पाली जिले में केशवगंज से मारवाड़ जंक्शन तक सभी स्टेशनों पर ठहराव होता था। ट्रेन को वापस पटरी पर नहीं लाने से दोनों जिलों में करीब 20 स्टेशनों व इनके आसपास के करीब 100 गांवों के लोगों को लोकल ट्रेन सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। ग्रामीण एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने को मजबूर हैं। इसके लिए उन्हें निजी वाहनों में ज्यादा किराया व अतिरिक्त समय खर्च कर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव वाले स्टेशनों तक आना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हो रही है।

एक्सप्रेस ट्रेनों में जगह नहीं मिलती

एक्सप्रेस ट्रेनोें में पहले से लोकल डिब्बे बहुत कम है। इसके कारण छोटे स्टेशनों तक यात्रा करने वाले यात्रियों को अनेक बार एक्सप्रेस ट्रेनों में साधारण श्रेणी के डिब्बों में जगह नहीं मिलती। ज्यादा भीड़ होने पर कभी कोई यात्री आरक्षित कोच में घुस जाए तो जुर्माना भरना पड़ता है।

पूर्व में आगरा फोर्ट तक संचालन

मीटर गेज लाइन के समय यह लोकल ट्रेन अहमदाबाद से आगरा फोर्ट व आगरा फोर्ट से अहमदाबाद तक चलाई जाती थी। बाद में इसे जयपुर जंक्शन तक चलाया जाने लगा। रोजाना संचालित यह ट्रेन अहमदाबाद से रवाना होकर सुबह करीब सात बजे व जयपुर की तरफ से रवाना होकर शाम करीब साढ़े सात बजे आबूरोड पहुंचती थी।

अब एक लोकल ट्रेन के भरोसे यात्री

वर्तमान में आबूरोड और मारवाड़ होकर एकमात्र साबरमती-जोधपुर लोकल ट्रेन संचालित की जा रही है। जो साबरमती से दोपहर में व जोधपुर से शाम को आबूरोड पहुंचती है। छोटे स्टेशनों के यात्रियों को सुबह के समय लोकल ट्रेन से यात्रा करनी हो तो उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

इनका कहना है…

अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन कोविड के समय से बंद है। इस ट्रेन के संचालन को लेकर अभी आगे से किसी तरह के दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

महेंद्र प्रताप यादव, स्टेशन अधीक्षक, आबूरोड स्टेशन

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