दस मिनट का दूसरा पीरियड
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय विद्यालयों में अब पहले पीरियड के बाद दूसरा पीरियड किसी विषय का नहीं बल्कि फलाहार का होता है। यह पीरियड केवल दस मिनट का होता है। इसमें बच्चों को भोजन नहीं करना होता, बस साथ लाए गए किसी भी फल को खाना होता है। इसके बाद अगल पीरियड शुरू हो जाता है। भोजनावकाश के अतिरिक्त दस मिनट के फू्रट पीरियड का समय रिसर्च के पीरियड से निकाला गया है। 40 मिनट के इस पीरियड की समयावधि आधी कर दी गई है।
दोहरा होगा लाभ
विशेषज्ञों की माने तो फलाहार के कुछ समय बाद बच्चों को अच्छी भूख भी लगेगी जिससे वे भोजनावकाश में टिफिन पूरा खाली कर सकेंगे। इससे अभिभावकों की दो चिंताएं दूर होंगी, एक तो बच्चों की फलाहार में रूचि बढ़ेगी और दूसरी यह कि टिफिन का पूरा भोजन खा लेंगे।
यह लाभ भी
फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं, जो बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। कई तरह के रोगों से बचाने में मदद कर सकती हैं। फलाहार बच्चों को ऊर्जा प्रदान करता है तथा पाचन क्रिया दुरुस्त कर कब्ज को रोकता है।
चिंताएं होगी दूर
बच्चों में फलाहार के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए नए सत्र में फ्रूट पीरियड शुरू हुआ है। अधिकांश अभिभावकों की शिकायत रहती है कि बच्चे फल खाने में बहुत आनाकानी करते हैंं या भोजन बहुत कम करते हैं। फ्रूट पीरियड से यह चिंताएं दूर हो सकेंगी। – आरसी देहडू, प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय, हनुमानगढ़।