CG Film: 300 से ज्यादा स्क्रीनों पर ‘आलाप’
इसके कई साल बाद, साल 2012 में आई ‘आलाप’, जिसने हिंदी बेल्ट के दर्शकों तक छत्तीसगढ़ को सही मायनों में पहुंचाया। 300 से ज्यादा स्क्रीनों पर रिलीज इस फिल्म को राज्य की पहली पैन इंडिया हिंदी फिल्म मानी जाती है। निर्देशक मनीष मानिकपुरी और निर्माता निशांत त्रिपाठी ने मिलकर यह फिल्म बनाई थी, जिसकी शूटिंग कवर्धा और आसपास के इलाकों में हुई थी। जब मुंबई से पुलिस आई
फिल्मकार संतोष जैन बताते हैं कि ‘हल और बंदूक’ के निर्माता डोमार वर्मा बिजली विभाग में लाइनमैन थे। उन्होंने फिल्म का ऑडियो मुंबई की एक म्यूजिक कंपनी को बेच दिया था, शर्त थी कि म्यूजिक पहले रिलीज होगा, फिर फिल्म। लेकिन डोमार ने पहले ही दुर्ग की तरुण टॉकीज में फिल्म रिलीज कर दी। यह खबर जब कंपनी तक पहुंची, तो मुंबई से पुलिस लेकर निर्माता को गिरफ्तार करने आ गई। बाद में प्रोड्यूसर एसोसिएशन के हस्तक्षेप से समझौता हो गया और म्यूजिक कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।
‘लैला टिपटॉप’ की हिंदी रीमेक ‘आई लव देसी’
छत्तीसगढ़ के निर्माता रॉकी दासवानी ने 2015 में ‘लैला टिपटॉप छैला अंगूठाछाप’ की हिंदी रीमेक ‘आई लव देसी’ बनाई। पहले इसका नाम था ‘हौले-हौले हो जाएगा प्यार’, जो पंजाबी बैकड्रॉप पर आधारित थी। फिल्म में गुलशन ग्रोवर समेत बॉलीवुड के कई कलाकार थे।
‘कठोर’ से बड़ा विमर्श
2018 में बिलासपुर के निर्माता रवि शुक्ला ने हिंदी फिल्म ‘कठोर’ बनाई। यह फिल्म देशभर के 100 शहरों में रिलीज हुई थी। मुख्य भूमिका में अभिनेता ललित परिमू थे। फिल्म की कहानी बिलासपुर सेंट्रल जेल के सिपाही नीलकंठ की थी, जिसकी रिटायरमेंट को दो साल बचे थे। ट्रेलर मुंबई में लॉन्च किया गया था, जो छत्तीसगढ़ की हिंदी फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
हिंदी सिनेमा में आगे बढ़ते कदम
अब छत्तीसगढ़ के फिल्मकार फिर से हिंदी सिनेमा की ओर बढ़ रहे हैं। इस साल निर्देशक कौशल उपाध्याय की फिल्म ‘जानकी’ रिलीज के लिए तैयार है, जिसे 400 से ज्यादा स्क्रीनों पर रिलीज करने की योजना है। फिल्म के निर्माता मोहित साहू हैं।