कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने गहलोत और पायलट के करीब आने पर सवाल किया तो गहलोत बोले कि हम दूर कब थे, प्रेम-मोहब्बत हमेशा बनी रहती है और बनी रहेगी। साथ ही गहलोत ने कहा कि 18 साल राजेश पायलट के साथ संसद में काम किया। अचानक हमारे बीच से वो चले गए। वो कष्ट हमें हमेशा रहेगा। उनका गरीबों व आमजन के प्रति लगाव था।
सचिन पायलट ने कहा कि आज से 25 साल पहले राजेश पायलट हमसे जुदा हुए थे, उनके जीवन पर फक्र है। उन्होंने मेहनत से फौज की नौकरी की। 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के दांत खट्टे किए। उन्होंने फौज और राजनीति में रहते हुए नए आयाम स्थापित किए। पायलट ने कहा कि सच्चाई, मेहनत, समर्पण और उनका हंसता हुआ चेहरा मुझे हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। राजेश पायलट हर वर्ग के लिए विचारधारा से ऊपर उठकर काम करते थे। उन्होंने देश को जोडऩे का काम किया।
वहीं दौसा सांसद मुरारीलाल मीना व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़ ने दावा किया कि श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस के करीब 47 विधायक, 8 सांसद, 83 पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक, राष्ट्रीय कांग्रेस के 11 पदाधिकारियों के अलावा प्रदेशभर से 150 से अधिक प्रमुख नेता राजेश पायलट को नमन करने आए।
भीड़ में गहलोत पीछे रह गए तो पायलट ने साथ लिया कांग्रेस में पूर्व सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच कटुता जगजाहिर है, ऐसे में इस कार्यक्रम में दोनों के ‘मिलन’ पर लोगों की नजरें टिकी हुई थी। गहलोत श्रद्धांजलि सभा के समापन से पांच मिनट पहले पहुंचे। उन्होंने सभा में बैठे सचिन सहित सभी नेताओं को नमस्कार किया और वहां ना बैठकर एकतरफ लगी कुर्सियों पर जा बैठे। सभा के समापन के बाद राजेश पायलट के जीवन से संबंधित प्रदर्शनी को देखने के लिए नेताओं को आमंत्रित किया गया। इस पर सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी आला नेता प्रार्थना सभा से उठकर प्रदर्शनी की ओर बढ़े। इस दौरान भीड़उमड़ पड़ी। सचिन पायलट आगे और अशोक गहलोत पीछे रह गए। ऐसे में पायलट ने रुककर गहलोत को साथ लिया और आगे बढ़े। इस दौरान दो-तीन बार दोनों के बीच संक्षिप्त बातचीत भी हुई। हालांकि प्रदर्शनी के दौरान गहलोत आगे और पायलट अन्य नेताओं के साथ पीछे बातचीत करते हुए चले।
एकजुटता या शक्ति प्रदर्शन, चर्चा में रहा कार्यक्रम राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस में अलग-अलग नैया पर सवार अधिकतर नेता इस कार्यक्रम में एक छत के नीचे आए तथा एकजुटता का संदेश दिया गया। आला नेताओं की मौजूदगी से सचिन पायलट का बढ़ता राजनीतिक कद भी दिखा। आगामी पंचायतराज व निकाय चुनाव को देखते हुए नेताओं में शक्ल दिखाने की होड़ भी देखी गई। जिस तरह सचिन पायलट ने पहले अशोक गहलोत के घर जाकर और फिर श्रद्धांजलि सभा से बाहर निकलते वक्त साथ लेकर दोनों के बीच जमी बर्फ के पिघलने का संदेश दिया, उसी तरह गहलोत ने भी दूरियां नहीं होने की बात कहकर राजनीतिक संदेश दे दिया।
छोटा पड़ा पांडाल