यूपी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 190, धारा 191(2), धारा 191(3), धारा 301, धारा 196, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932: धारा 7, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984: धारा 2 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984: धारा 3 के तहत केस दर्ज किया है।
जानें पूरा मामले
एफआईआर के अनुसार, 11 अगस्त 2025 को सुबह करीब 11 बजे, मंगी मकबरा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात था। इस दौरान मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने मकबरे को मंदिर बताते हुए वहां पूजा-दर्शन के लिए जुलूस निकालने का ऐलान किया था।
उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की
जुलूस में शामिल अभिषेक शुक्ला, धर्मेंद्र सिंह, आशीष त्रिवेदी, पप्पू सिंह चौहान, प्रशून तिवारी, रितिक पाल, विनय तिवारी (सभासद), पुष्पराज पटेल, अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी, और देवनाथ धाकड़े सहित लगभग 150 अज्ञात लोगों ने लाठी, डंडे, और झंडे लेकर मकबरे की बैरिकेडिंग तोड़ दी। पुलिस ने उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और मकबरे के अंदर बनी मजारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना से स्थानीय मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
मकबरा तोड़फोड़ के आरोपियों की तलाश में पुलिस
फिलहाल पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही फतेहपुर पुलिस ने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और पीएसी बल तैनात है।