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आबूरोड: सात साल पहले स्वीकृत हुई थी फुट ओवरब्रिज व एस्केलेटर की ड्राइंग

एस्केलेटर के लिए आज भी गिड़गिड़ाना पड़ रहा, रेल यात्री परेशान

सिरोहीJul 20, 2025 / 06:57 pm

MAHENDRA SINGH VAGHELA

सिरोही. जिले के आबूरोड स्टेशन पर मावल साइड में फुट ओवरब्रिज, जिस पर लिफ्ट भी नहीं है।

सिरोही. जिले के आबूरोड स्टेशन पर मावल साइड में फुट ओवरब्रिज, जिस पर लिफ्ट भी नहीं है।

आबूरोड . शहर स्थित रेलवे स्टेशन पर फुट ओवरिब्रज निर्माण की स्वीकृत ड्राइंग में एस्केलेटर व्यवस्था का प्रावधान था। यहां ब्रिज तो बन गए, लेकिन इतने साल गुजरने के बाद भी एस्केलेटर के लिए रेलवे प्रशासन के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। इसका भी प्रभावी असर नहीं पड़ रहा। उचित निर्णय लेने के बजाय रेल यात्रियों के हितों से जुड़े इस अहम मुद्दे को गौण सा बना दिया है। एस्केलेटर की लगातार मांग पर अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन देकर सात साल निकाल दिए। जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सिरोही. जिले के आबूरोड रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज व एस्केलेटर की ड्राइंग।
सिरोही. जिले के आबूरोड रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज व एस्केलेटर की ड्राइंग।

प्रस्तावित थी एस्केलेटर सुविधा

स्थानीय स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज व एस्केलेटर की ड्राइंग की स्वीकृति की प्रक्रिया में करीब तीन साल लगे। वर्ष 2016 से 2018 तक रेलवे विभाग की अलग-अलग शाखाओं के उच्चाधिकारियों की ओर से ड्राइंग पर अलग-अलग तारीख में हस्ताक्षर किए। ड्राइंग में एस्केलेटर सुविधा को अगले फेज के लिए प्रस्तावित रखा। वो फेज अब तक आया नहीं। जबकि आबूरोड से कम श्रेणी के फालना स्टेशन पर एस्केलेटर को स्वीकृति प्रदान कर वहां यह सुविधा शुरू कर दी, जिससे वहां के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। आबूरोड उच्च श्रेणी का स्टेशन होते हुए इस सुविधा वंचित है।

108 यात्री गाडियों का संचालन

आबूरोड स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में टंगे यात्री गाड़ियों के विवरण के बोर्ड के अनुसार अप और डाउन साइड से नियमित, साप्ताहिक व सप्ताह में दो-तीन दिन चलने वाली 108 ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनों के ठहराव वाले स्टेशन से रोजाना हजारों की संख्या में यात्री आवागमन कर रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या में पर्यटक, तीर्थयात्री व अन्य यात्री शामिल है। जिनको एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ी) सुविधा के अभाव का दंश झेलना पड़ रहा है।

एक ब्रिज पर लिफ्ट सुविधा

स्टेशन पर मोरथला व मावल साइड में एक-एक फुट ओवरब्रिज है। मोरथला साइड के ब्रिज पर लिफ्ट सुविधा है, लेकिन मावल साइड के ब्रिज पर यह सुविधा भी नहीं है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग, दिव्यांग व लंबे समय से श्वांस, जोड़, हार्ट समेत विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे यात्रियों को हो रही है। जिनके लिए एक एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज की करीब 70 सीढ़ियां चढ़ना व इतनी सीढ़ियां उतरना काफी तकलीफदेय होता है।

इनका कहना है

आबूरोड स्टेशन को अमृत योजना शामिल किया है। स्टेशन पर जिन आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता है, उनको जल्द से जल्द पूरा करवाया जाएगा।

लुंबाराम चौधरी, सांसद, जालोर-सिरोही

एस्केलेटर के लिए अजमेर मंडल के डीआरएम से शीघ्र बात करूंगा। रेल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं तो होनी ही चाहिए।
मोतीराम कोली, विधायक, रेवदर

सूचना अधिकार में जानकारी मांगने पर रेलवे ने ड्राइंग की प्रति मिली। जिससे पता लगा कि करीब सात साल पहले स्वीकृत ड्राइंग में आबूरोड स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज के साथ एस्केलेटर सुविधा भी प्रस्तावित थी। यात्री भार को देखते हुए यहां यह सुविधा बहुत आवश्यक है।
रितेषसिंह चौहान, पार्षद, आबूरोड नगरपालिका

स्थानीय स्टेशन पर एस्केलेटर के लिए मैं तो कई बार मांग कर चुका हूं। इसके अभाव में यात्रियों को बहुत दिक्कत होती है। लिफ्ट भी एक ही फुट ओवर ब्रिज पर है।
सागरमल अग्रवाल, पूर्व जेडआरयूसीसी सदस्य, उत्तर-पश्चिम रेलवे

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