यह परियोजना ‘इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन’ (ईपीसी) मॉडल पर आधारित होगी, जिसमें तीन साल की दोष देयता अवधि (डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड) भी शामिल है। प्रस्तावित फैक्ट्री स्पेस में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन अन्य फ्लोर होंगे और यह 38,665 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा।
उद्देश्य परिचालन लागत में कमी लाना इस परियोजना का उद्देश्य एमएसएमई इकाइयों को एक साझा, आधुनिक और पूर्ण सुविधायुक्त ढांचा उपलब्ध कराना है, जिससे उनके उत्पादन और अन्य परिचालन लागतों में कमी आएगी। इसमें बिजली, पानी, अग्निशमन प्रणाली, एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग), लिफ्ट, सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल, सुरक्षा तंत्र आदि शामिल होंगे।
ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित परिसर यह परिसर ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित होगा और 24 से 30 मीटर चौड़ी सड़कों के जरिए राजमार्ग से जुड़ा होगा, जिससे माल परिवहन में सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त, परिसर में बाउंड्री वॉल, गेट, गार्ड रूम, ड्रेनेज, सीवेज, पार्किंग, वाटर सप्लाई, प्लम्बिंग पंप्स और लैंडस्केपिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। यह परियोजना राज्य में निवेश आकर्षित करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।