गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत आइ4सी (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) के अनुसार, बड़ी चिंता की बात यह है कि 22,145 भारतीय हैं जो दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में गए पर अब तक लौटे नहीं हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोग पंजाब, यूपी और तमिलनाडु से हैं। ये भारतीय फर्जी कॉल सेंटरों और साइबर ठगी के अड्डों के जरिये भारत ही नहीं, और भी कई देशों के नागरिकों को निशाना बनाने को मजबूर हैं। इससे भारत को ही हर महीने करीब ₹1,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर 178 एफआईआर दर्ज हुईं और 224 गिरफ्तारियां भी की गईं।
देशवार वापसी के आंकड़े (जनवरी 2022–मई 2025) देश – लौटे भारतीय लाओस पीडीआर – 1,089 कंबोडिया – 800 म्यांमार – 582 राज्यवार सबसे अधिक रेस्क्यू (कुल 2,471 में से)
राज्य – बचाए गए लोग तमिलनाडु – 273 उत्तर प्रदेश – 247 महाराष्ट्र – 224 केरल – 196 जम्मू-कश्मीर – 151 भारतीय जो लौटे नहीं (कुल 22,145) देश – अनुमानित भारतीय
थाईलैंड – 15,828 वियतनाम – 3,566 कंबोडिया – 2,121 म्यांमार – 387 लाओस पीडीआर – 243 उम्र के अनुसार लापता यात्री आयु वर्ग (वर्ष) – संख्या 20–29 – 7,811
30–39 – 6,682 40–49 – 3,204 50–59 – 1,631