सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध फार्म हाउस और बैंक्वेट हॉल के खिलाफ चल रही बुलडोजर कार्रवाई शनिवार को भी अरावली क्षेत्र में जारी रही। इस दौरान वन विभाग की टीम ने एक बड़े फॉर्म हाउस को जेसीबी से ढहाने की कोशिश की, लेकिन फार्म के संचालक ने लोगों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें समझाया और शांत कराया। इसके बाद कार्रवाई को फिर से जारी रखा गया।
एक सप्ताह से चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई
अरावली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले एक सप्ताह से तोड़फोड़ अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बिना पर्यावरणीय मंजूरी और आवश्यक अनुमति के बनाए गए इन अवैध निर्माणों से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है। जिसके कारण इन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके बावजूद क्षेत्र में कई लोग नियमों की अनदेखी करते हुए अवैध रूप से फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल, शैक्षणिक संस्थान और धार्मिक स्थल बनाते आ रहे हैं। शनिवार को वन विभाग की टीम तोड़फोड़ दस्ते के साथ कार्रवाई करने पहुंची। जिस पर फार्म हाउस और बैंक्वेट हॉल के संचालकों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि प्रशासन की यह कार्रवाई पक्षपाती है। उनका कहना था कि अरावली क्षेत्र में कई अवैध शैक्षणिक संस्थान और धार्मिक स्थल लंबे समय से कार्यरत हैं, लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
14 गांवों में चिह्नित किए गए अवैध निर्माण
वन विभाग के अधिकारी राजकुमार ने बताया कि पुलिस बल ने संचालकों को समझा कर शांत किया। इसके बाद फिर से कार्रवाई शुरू की गई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी अवैध निर्माणों के खिलाफ इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। वन विभाग के सूत्रों की मानें तो अरावली क्षेत्र के गांव मेवला महाराजपुर, अनखीर, बड़खल, अनंगपुर, लकड़पुर, भांखरी, पाली, धौज, मांगर, सिलाखड़ी, कोट, सिरोही, खोरी जमालपुर, गोठड़ा मोहत्ताबाद में अवैध निर्माण किए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को ध्वस्तीकरण अभियान सुबह 11 बजे शुरू हुआ। जब वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम 5 बुलडोजरों के साथ आनंद वन से अरावली तक के क्षेत्र में पहुंची। यह अभियान शाम करीब 6 बजे तक जारी रहा। जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। इस दौरान अनखीर गांव के लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था।
दस दिन से चल रही कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने अरावली में पिछले दस दिनों से अवैध निर्माणों के खिलाफ तोड़फोड़ कार्रवाई शुरू कर रखी है। अब तक करीब 60 फार्म हाउस और बैंक्वेट हॉल तोड़े जा चुके हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अरावली क्षेत्र में करीब 6,500 से ज्यादा अवैध निर्माण हैं। जिनमें फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल, शैक्षणिक संस्थान और धार्मिक स्थल शामिल हैं। इन सभी अवैध निर्माणों को 17 जुलाई तक ढहा देने की योजना है। वन विभाग ने इन सभी को नोटिस भेजा है। वहीं कार्रवाई के तहत अब तक 60 से अधिक अवैध निर्माण तोड़े जा चुके हैं। इसमें ज्यादातर नेताओं और अफसरों के फार्म हाउस निकले हैं।
सुप्रीम कोर्ट का कठोर आदेश
फरीदाबाद के डीसी विक्रम यादव ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत की जा रही है। उनके अनुसार, अरावली वन क्षेत्र में अब तक 6,793 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं। जिन्हें तीन महीने के भीतर हटाना अनिवार्य है। डीसी ने बताया कि 27 जून को चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें इस कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। अतः किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
बीजेपी विधायक का भी फार्महाउस हुआ ध्वस्त
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रशासन की यह कार्रवाई केवल विपक्षी नेताओं तक सीमित नहीं रही है। कुछ दिन पहले समालखा से बीजेपी विधायक मनमोहन भड़ाना के फरीदाबाद स्थित फार्महाउस पर भी बुलडोजर चल चुका है। हालांकि विधायक ने कहा कि उन्होंने खुद फार्महाउस गिरवाया। ताकि यह संदेश जाए कि कानून सभी के लिए समान है। दूसरी ओर वन विभाग की एक टीम गांव अनंगपुर में भी कार्रवाई के लिए पहुंचने वाली थी, लेकिन यहां करीब 100 ग्रामीण विरोध में उतर आए। उन्हें अधिकारियों ने समझाया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। इसलिए इसमें खलल न डालें। इसपर ग्रामीण तो लौट गए, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई भी टाल दी। सूत्रों का कहना है कि यहां बाद में तोड़फोड़ किया जाएगा।