दिल्ली सरकार पर AAP ने बोला हमला
दिल्ली AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, “दिल्ली की सरकार अब फुलेरा की पंचायत की तरह चलाई जा रही है। भाजपा ने सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि उसके पड़ोसी राज्यों को भी बर्बाद कर दिया है। रेखा सरकार ने CAQM को पत्र लिखकर उसकी सभी नीतियों का समर्थन किया है। आयोग ने अब इस नियम को पूरे एनसीआर में लागू करने का निर्णय लिया है। रेखा सरकार को कुछ समय चाहिए था। ताकि यह नीति समान रूप से सभी शहरों में लागू की जा सके।”
दिल्ली-एनसीआर में दो करोड़ वाहनों पर छाया संकट
भारद्वाज ने यह भी जोड़ा कि पहली नवंबर से पाबंदियों के लागू होने का मतलब है कि दिल्ली का कोई वाहन मालिक जो पहले एनसीआर के किसी और शहर से पेट्रोल भरवा लेता था, अब वह भी संभव नहीं होगा। इससे पहले जहां करीब 62 लाख पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने की योजना थी। अब यह संख्या बढ़कर लगभग दो करोड़ हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ गहरे साठगांठ का हिस्सा है। जिससे दो करोड़ नए वाहन बिक सकें।
दिल्ली सरकार का पुराना आदेश भी रहा है सख्त
गौरतलब है कि इससे पहले भी दिल्ली में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की नीति बनाई गई थी। साल 2018 में आम आदमी पार्टी की सरकार में तत्कालीन परिवहन मंत्री ने ऐलान किया था कि दिल्ली में 10 साल पुराने डीज़ल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को न तो सड़क पर चलने की अनुमति दी जाएगी और न ही उन्हें पेट्रोल पंपों से ईंधन दिया जाएगा। इस आदेश का सख्ती से पालन करते हुए दिल्ली सरकार ने ऐसे वाहनों की पहचान कर उन्हें जब्त करने और स्क्रैप के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि जनता के विरोध के चलते यह फैसला उस समय भी पूरी तरह लागू नहीं हो पाया था।
रेखा सरकार ने नियम लागू कर पीछे खींचे हाथ
इसके बाद दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा सरकार ने 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं देने का नियम लागू किया गया था। इसके तहत पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए थे। ताकि पुराने वाहनों की पहचान की जा सके। हालांकि इस नीति के लागू होने के दो दिन बाद ही 3 जुलाई 2025 को दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया। इसका कारण तकनीकी खामियां और जनता की असुविधा थी। ANPR कैमरों की कार्यक्षमता में समस्याएं थीं और नीति के तहत केवल 87 गाड़ियां ही सीज की गईं। जबकि दिल्ली में लगभग 62 लाख पुराने वाहन हैं।
अब आगे क्या?
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक अब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बैठक में यह निर्णय लिया है कि दिल्ली और एनसीआर के पांच जिलों में अपनी मियाद पूरी कर चुके वाहनों के ईंधन पर एक नवंबर से प्रतिबंध लागू किया जाएगा। इन जिलों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत शामिल हैं। इसके अलावा एनसीआर के शेष जिलों में यह प्रतिबंध 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। इस दौरान, ANPR प्रणाली की स्थापना और परीक्षण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण, और जनता को जागरूक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसपर आम आदमी पार्टी दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर हमलावर है।