आजादपुर मंडी में फिर से भीख मांगता पाया गया
पुलिस सूत्रों ने बताया कि खान को विदेशी प्रकोष्ठ की इसी टीम ने 15 मई को उस समय गिरफ्तार किया था। जब वह आजादपुर मंडी क्षेत्र में भीख मांगता हुआ पाया गया था। इस मामले में पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सुहान खान का भारत लौटना और फिर से पकड़ा जाना इस ओर इशारा करता है कि कुछ लोग बार-बार भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ऐसे मामलों को लेकर सतर्क है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने कहा “बिना वीजा, ग्रीन कार्ड और नागरिकता के भारत में रह रहे अवैध घुसपैठियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब पुलिस टीम और सतर्कता के साथ काम करेगी।” पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश के सिलहट जिले का मूल निवासी सुहान खान 10 साल पहले दिल्ली आया था। वह अवैध रूप से पश्चिम बंगाल की सीमा पार करके दिल्ली पहुंचा था। जहां उसने शुरुआत में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम किया और बाद में ट्रैफिक सिग्नल पर भिखारी बन गया। 15 मई को उसे पहली बार निर्वासित किया गया था, लेकिन आरोपी उसी दिन विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर वापस दिल्ली लौट आया।
भारत-बांग्लादेश सीमा से वापस लौटा दिल्ली
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुहान खान को 45 दिन पहले यानी 15 मई को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपा गया था। इसके बावजूद वह अपने मूल निवास बांग्लादेश नहीं गया। भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित अगरतला में वह अखौरा चेक पोस्ट के पास अस्थायी आश्रय स्थलों में रुका रहा। इसके बाद किसी तरह फिर वह दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ कर बस से बाहरी दिल्ली के निहाल विहार पहुंचा। पुलिस पूछताछ में आरोपी सुहान खान ने बताया कि वह अपनी लिव इन पार्टनर से प्यार करता है। इसीलिए दोबारा दिल्ली लौटकर निहाल विहार में रहने लगा। अब आगे क्या करेगी दिल्ली पुलिस?
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने बताया कि इस बारे में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण (FRRO) कार्यालय को इस बारे में सूचना दी जाएगी। उन्होंने कहा, “निर्वासन प्रक्रिया FRRO द्वारा संभाली जाती है। इसके तहत निर्वासित या अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों को बैचों या समूहों में उनके देशों में वापस भेजा जाता है। भारत-बांग्लादेश सीमा इतनी छिद्रपूर्ण है कि सीमा सुरक्षा बल की तैनाती के बावजूद लोग इसे आसानी से पार कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि इससे पहले, कई बांग्लादेशी नागरिक अपने निर्वासन के महीनों या हफ्तों बाद पुनः भारत में प्रवेश कर गए थे।