लिव-इन पार्टनर से विवाद के चलते तनाव में गर्भवती नाबालिग
गर्भवती नाबालिग लड़की के सुसाइड केस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 16 साल की युवती का अपने लिव-इन पार्टनर से अक्सर विवाद होता था। इसी तनाव के चलते वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थी। घटना के बाद से आरोपी युवक फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और पॉक्सो एक्ट की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही अन्य धाराओं में भी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मोबाइल रिकॉर्ड की जांच के बाद पूरे मामले की परतें खुलेंगी। फिलहाल, परिवार और समाज में गहरा शोक और आक्रोश व्याप्त है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
वहीं एक दूसरे मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में आरोपी के खिलाफ नाबालिग ने पिछले साल मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पीड़िता ने बताया था कि आरोपी उसका दोस्त था। एक बार मिलने के लिए बुलाकर आरोपी ने जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद विरोध के बावजूद कई बार उसने यौन संबंध बनाए। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पिछले साल भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 354D (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अदालत ने खारिज किया आरोपी का तर्क
गुरुवार को आरोपी ने अपने वकील की मदद से दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। इसमें आरोपी ने बताया कि लड़की ने यौन संबंध बनाने के लिए अपनी सहमति दी थी। इसके अलावा वह बालिग भी है। आरोपी के इस तर्क को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया। इसपर जस्टिस गिरीश कठपालिया ने फैसला सुनाते हुए कहा “अगर लड़की ने सहमति दी भी थी तो भी यह गैरकानूनी है, क्योंकि पीड़िता उस समय नाबालिग थी। पीड़िता ने दर्ज कराई FIR और अपनी गवाही में साफ तौर पर कहा है कि आरोपी ने उसकी आपत्ति के बावजूद बार-बार उसके साथ यौन संबंध बनाए।”
अदालत ने की गंभीर टिप्पणी
जस्टिस गिरीश कठपालिया ने आगे कहा “आरोपी को सिर्फ इसलिए लड़की सिर्फ एक लड़के से दोस्ती करती है। इसलिए लड़के को उसके साथ यौन संबंध बनाने की आजादी नहीं दी जा सकती। महज दोस्ती की वजह से किसी लड़की के साथ यौन संबंध बनाने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता।” इसके बाद अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।