आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी है कि सितम्बर में भारी बारिश से उत्तराखंड में भूस्खलन और अचानक भारी बाढ़ आ सकती है। नदियों में जलप्रवाह ज्यादा बढऩे से हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कई क्षेत्रों का सामान्य जनजीवन भी बाधित हो सकता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के महानदी के उपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। पूरे देश में सितम्बर माह में कुल सामान्य वर्षा से दीर्घावधि औसत 109 फीसदी ज्यादा बारिश हो सकती है। ऐसे में सितम्बर में स्थिति और अधिक बिगडऩे की आशंका है। अतिरिक्त बारिश के कारण खेतों में जलभराव होने पर खड़ी फसलों को नुकसान की संभावना रहेगी।
उत्तर भारत में अगस्त माह में बारिश का 24 साल का रेकार्ड टूट चुका है। आईएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त की बारिश 2001 के बाद से सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13 वीं सबसे अधिक बारिश थी। उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त में 260.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 34.4 प्रतिशत अधिक दर्ज की है।
पिछले कई दिनों से हिमालय रेंज में बादलों के फटने एवं भूस्खलन की आपदाएं आ रही है। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद फिर आपदा आ गई। पिथौरागढ़ में धौलीगंगा स्थित बिजली परियोजना की आपातकालीन सुरंगों में शनिवार शाम को भारी भूस्खलन से एनएचपीसी के 19 कर्मचारी फंस गए। टनल के आगे अचानक भारी मलबा आकर गिर जाने से रास्ता बंद हो गया था। आपदा दलों ने कई घंटों तक मलबा हटाने की कार्रवाई करते हुए सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।