बंगाल और अन्य राज्यों में SIR पर EC
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जहां तक पश्चिम बंगाल के SIR की तारीख का सवाल है तो हम तीनों कमिश्नर उचित समय देखकर निर्णय लेंगे, चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, आने वाले समय में इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी। PC में क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत के संविधान के अनुसार, केवल भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं, किसी अन्य देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है।
‘अन्य देश के लोगों का कटेगा वोट’
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे लोगों ने गणना फॉर्म भरा है, तो SIR प्रक्रिया में उनकी पात्रता साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी और ऐसे केस में गहन जांच के दौरान ऐसे लोग पाए जाएंगे जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और निश्चित तौर से उनका वोट नहीं बनेगा।
मतदाता सूची को शुद्ध करना है SIR का उद्देश्य
इस दौरान उन्होंने एसआईआर के उद्देश्य को भी बताया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले 20 सालों में SIR नहीं किया गया। SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है। राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिलने के बाद SIR किया जा रहा है।
वोटर लिस्ट में सुधार की मांग कर रहे दल
ज्ञानेश कुमार ने कहा- पिछले दो दशकों से, लगभग सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग ने बिहार से एक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की है। एसआईआर की प्रक्रिया में सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों द्वारा नामित 1.6 लाख बीएलए ने मिलकर एक मसौदा सूची तैयार की है।