डोभाल-वांग वार्ता के प्रमुख परिणाम
डोभाल और वांग यी के बीच हुई 24वीं विशेष प्रतिनिधि वार्ता में पांच ठोस परिणाम सामने आए। इनमें सीमा निर्धारण में शीघ्र सफलता के लिए परामर्श और समन्वय कार्य तंत्र (DMCC) के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन शामिल है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में सीमा संबंधी व्यवस्थाओं को दोहराने और द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश पर रियायतें देने पर भी चर्चा हुई।
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने की दिशा में कदम
अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद पूर्वी लद्दाख के दो प्रमुख टकराव बिंदुओं, देपसांग और डेमचोक, से सैनिकों की वापसी हुई। इस प्रगति ने दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके परिणामस्वरूप कैलाश मानसरोवर यात्रा को छह साल बाद फिर से शुरू करने, चीनी पर्यटकों के लिए भारतीय वीजा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को बहाल करने पर सहमति बनी।
ऑपरेशन सिंदूर से उत्पन्न चुनौतियां
हालांकि, मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना को चीन की सक्रिय सहायता के सबूत मिलने से दोनों देशों के संबंधों को झटका लगा। भारत ने इसे गंभीरता से लिया, लेकिन वांग यी ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि चीन-पाकिस्तान संबंध किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते।
SCO शिखर सम्मेलन और भविष्य की योजनाएं
वांग यी ने प्रधानमंत्री मोदी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के तियानजिन शिखर सम्मेलन (31 अगस्त-1 सितंबर 2025) में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से निमंत्रण दिया। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच संबंधों में गर्मजोशी लाने के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात 50,000-60,000 सैनिकों के गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्ष और प्रयासों पर सहमत हुए हैं।
द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग
भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 118.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का चीन पर आयात निर्भरता, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल और औद्योगिक कच्चे माल में, एक प्रमुख मुद्दा रहा। दोनों पक्ष व्यापार असंतुलन को कम करने और संयुक्त उद्यमों की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।