प्रमुख बिंदु
2024 से भी गर्म वर्ष: अगले पांच वर्षों में कम से कम एक साल 2024 से अधिक गर्म होने की संभावना है, जिसे अब तक का सबसे गर्म वर्ष माना गया है। तापमान का अनुमान: 1850-1900 के औसत तापमान की तुलना में सतही तापमान 1.2 डिग्री से 1.9 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। जलवायु जोखिम: तापमान में हर वृद्धि के साथ अर्थव्यवस्थाओं, सतत विकास और पारिस्थितिकी तंत्र पर जलवायु जोखिम बढ़ेगा।
चरम मौसमी घटनाओं का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, तापमान वृद्धि से चरम मौसमी घटनाएं और गंभीर होंगी, जैसे: अधिक गर्मी और भारी बारिश। सूखा, बर्फ का पिघलना, और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि। समुद्र का तापमान बढ़ना। हाल के उदाहरण: ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, भारत, चीन और घाना में बाढ़, कनाडा में जंगल की आग। लंदन के विशेषज्ञ फ्रेडरिक ओटो ने कहा, “हम पहले ही खतरनाक स्तर की गर्मी तक पहुंच चुके हैं।”
क्षेत्रीय प्रभाव
बर्फ में कमी: बारेंट्स सागर, बेरिंग सागर और ओखोटस्क सागर में बर्फ की मात्रा कम होगी। अधिक बारिश: दक्षिण एशिया, उत्तरी यूरोप, अलास्का और उत्तरी साइबेरिया में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना। सूखा: अमेजन क्षेत्र में सूखे का खतरा। दक्षिण एशिया में बारिश: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में चार साल सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, और 2025-29 में भी यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है (2023 को छोड़कर)। इस साल भी सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी है।
कोई राहत नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दस वर्ष अब तक के सबसे गर्म दशक रहे हैं, और अगले पांच वर्षों में भी राहत के कोई संकेत नहीं हैं। बढ़ता तापमान अर्थव्यवस्थाओं, दैनिक जीवन, और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।