झारखंड हाईकोर्ट पर नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से झारखंड
हाईकोर्ट के रवैये पर नाराजगी जताई, जहां 67 आपराधिक अपीलों पर फैसले सुरक्षित रखने के बावजूद कोई निर्णय नहीं सुनाया गया। कोर्ट ने इसे न्याय प्रक्रिया में गंभीर चूक मानते हुए सभी हाईकोर्ट्स से लंबित मामलों की स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि समय पर न्याय नागरिकों का अधिकार है, और देरी इस अधिकार का हनन करती है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
यह खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी चर्चा में है, जहां कई यूजर्स ने सुप्रीम कोर्ट के इस रुख की सराहना की है। आने वाले दिनों में हाईकोर्ट्स से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर और सख्त कदम उठा सकता है।