खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC), मोहाली ने ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर जसबीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की। जांच में पता चला कि जसबीर सिंह का संपर्क पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी शाकिर उर्फ जट्ट रंधावा और पाकिस्तान उच्चायोग से निष्कासित अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से था। इसके अलावा, जसबीर ने 2020, 2021 और 2024 में तीन बार पाकिस्तान की यात्रा की थी और दिल्ली में आयोजित पाकिस्तान नेशनल डे इवेंट में भी शामिल हुआ था, जहां उसने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों और अन्य व्लॉगर्स से मुलाकात की थी।
सबूत मिटाने की कोशिश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद जसबीर ने अपने पाकिस्तानी संपर्कों के साथ संचार के डिजिटल साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की थी, ताकि जांच से बचा जा सके। हालांकि, पुलिस ने उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया, जिनमें पाकिस्तान के कई नंबर मिले हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच जारी है।
मामले की जांच जारी
डीजीपी गौरव यादव ने कहा, “पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह के आतंकवादी या जासूसी नेटवर्क को बख्शा नहीं जाएगा।” इस मामले में मोहाली के एसएसओसी में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच जारी है ताकि इस जासूसी नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। यह भी पढ़ें –
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ज्योति मल्होत्रा, जो “ट्रैवल विद जो” नाम से यूट्यूब चैनल चलाती थी, को पिछले महीने हरियाणा पुलिस ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि वह भी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में थी और उसने कई बार विदेश यात्राएं की थीं। जसबीर सिंह और ज्योति मल्होत्रा के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि की गई है, जिसके बाद पुलिस इस नेटवर्क के पूरे तंत्र को उजागर करने में जुटी है।
12 से अधिक लोगों को गिरफ्तार
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों में इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े 12 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को दर्शाती है और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर भी सवाल उठाती है।