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प्रोफेसर का खौफ़नाक बदला: शादी के तोहफे में भेजा बम, खुद बनाया और टेस्ट भी किया

शादी के केवल पांच दिन बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौम्य शेखर साहू को एक पार्सल मिला। शादी का तोहफा समझकर उन्होंने उसे खोल दिया। जिसके बाद अचानक हुआ विस्फोट में सौम्य के साथ उनकी 85 वर्षीय दादी जेनामणि की भी मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी रीमा बुरी तरह घायल हुईं।

भारतMay 29, 2025 / 09:56 am

Siddharth Rai

प्रोफेसर पंजीलाल मेहर ने पार्सल बम से सौम्य शेखर साहू की जान ली। (photo – ANI)

Patnagarh parcel bomb case: ओड़िशा के बोलांगिर जिले की एक अदालत ने बुधवार को 2018 में हुए पतनगढ़ पार्सल बम धमाके के आरोपी प्रोफेसर पंजीलाल मेहर को दोषी करार दिया। इस दर्दनाक घटना में दो लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 26 वर्षीय नवविवाहित युवक सौम्य शेखर साहू भी शामिल थे।

आरोपी और अदालत का फैसला

पंजीलाल मेहर उस वक्त एक स्थानीय कॉलेज में अंग्रेजी के व्याख्याता थे। अदालत ने उन्हें इस संगीन अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) ने उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। फैसला सुनाए जाने के वक्त वह अदालत में मौजूद थे।

“गिफ्ट” बनकर आया मौत का पार्सल

23 फरवरी 2018 को शादी के केवल पांच दिन बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौम्य शेखर साहू को एक पार्सल मिला। शादी का तोहफा समझकर उन्होंने उसे खोल दिया। जिसके बाद अचानक हुआ विस्फोट में सौम्य के साथ उनकी 85 वर्षीय दादी जेनामणि की भी मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी रीमा बुरी तरह घायल हुईं।

मामले की जांच और गिरफ्तारी

इस मामले की जांच शुरुआत में स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे ओड़िशा क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। जांच के दौरान 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई, और आखिरकार मेहर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, मेहर ने यह जघन्य अपराध बदले की भावना से किया था क्योंकि पीड़िता की मां संजुक्ता साहू, मेहर की सहकर्मी थीं और कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर उनकी जगह ले चुकी थीं।

आरोपी का तरीका और योजना

मेहर ने बम बनाने के लिए दीवाली से पटाखे इकट्ठा करने शुरू किए। इंटरनेट की मदद से विस्फोटक बनाने की तकनीक सीखी। उसने पहले परीक्षण विस्फोटक बनाए और फिर एक कार्डबोर्ड बॉक्स में बम रखकर उसे “गिफ्ट” के रूप में पैक किया। विस्फोट से कुछ दिन पहले आरोपी ने कूरियर सेवा का इस्तेमाल करते हुए पार्सल को रायपुर भेजा, जहां से यह पतनगढ़ पहुंचा और बाद में सौम्य के घर डिलीवर हुआ।

कैसे कूरियर किया बम –

पुलिस सूत्रों के अनुसार, विस्फोट से कुछ दिन पहले पंजीलाल कॉलेज गए और घर लौटकर उस पार्सल को लेकर निकले। उन्होंने इसे कांटाबांजी रेलवे स्टेशन पहुंचाया, जहां से उन्होंने रायपुर के लिए ट्रेन पकड़ी। रायपुर, पतनगढ़ से लगभग 250 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ में स्थित है।
रायपुर में आरोपी ने ऐसे कूरियर सेवाओं की तलाश की जो बेसमेंट में संचालित होती थीं और जिनमें सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। उसने कूरियर कर्मचारियों से पार्सल में ‘गिफ्ट आइटम’ होने का हवाला दिया। अपनी पहचान छुपाने के लिए, उसने भेजने वाले के नाम के तौर पर ‘एस के शर्मा’ और गलत पता दिया। इसके बाद वह शाम की ट्रेन से वापस अपने घर लौट आया।

पुलिस की विशेष कार्रवाई

जांच के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और रायपुर की कूरियर सेवा के सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किए। एक अनाम पत्र भी मिला, जिसमें विस्फोट में तीन लोगों के शामिल होने का दावा था, जिसे आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए भेजा था। हालांकि, इस पत्र ने पुलिस को मामले के कई सुराग भी दिए।

वरिष्ठ अधिकारी का बयान

पुलिस जांच को भटकाने के लिए पंजीलाल ने जो पत्र भेजा था, इसी से क्राइम ब्रांच को इस मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण मदद मिली। जांच के प्रमुख वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा ने कहा, “पत्र की भाषा, फ़ॉन्ट साइज और शब्दों के बीच की दूरी से स्पष्ट हुआ कि इसे कोई ऐसा व्यक्ति भेजा है, जिसे अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ है। इसलिए हमने आरोपी पर ध्यान केंद्रित किया, जो एक अंग्रेज़ी व्याख्याता था। जब हमने उसके घर की तलाशी ली, तो हमें कुछ महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिनका वैज्ञानिक तरीकों से मिलान किया गया। यही केस का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।”
अरुण बोथरा ने कहा, “यह मामला चुनौतीपूर्ण था क्योंकि कोई प्रत्यक्ष सबूत या गवाह नहीं थे। आरोपी ने हमें गुमराह करने के लिए कई कोशिशें कीं, लेकिन अंततः वैज्ञानिक तरीकों से सबूत मिल गए और आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली।”

परिवार की प्रतिक्रिया

सौम्य की मां संजुक्ता साहू ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया, लेकिन कहा, “हमें न्याय मिला है, लेकिन जो खोया है वह वापस नहीं आ सकता।” वहीं, पीड़ित के पिता रवींद्र साहू ने कहा कि वे मृत्युदंड की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उम्रकैद की सजा पर भी न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया।

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