सवाल – सबके लिए जरूरी पांच योगासन और पांच प्राणायाम कैसे करें?
रामदेव – हर च्यक्ति को रोज कम से कम पांच आसन और पांच प्राणायाम करने चाहिए। ताड़ासन, भुजगासन, नौकासन, वज्रासन और शवासन ये सब सरल और असरदार हैं। प्राणायाम में कपालगाति, अनलोम-विलोम, भ्रामरी, भस्त्रिका और शीतली करना ही चाहिए। सामान्य व्यक्ति 30 मिनट योग करे जबकि गंभीर बीमारियों वाले कम से कम एक घंटा दें। जो 15-20 वर्षों से दवाइयां ले रहे हैं उन्हें एक घंटा से अधिक समय देना चाहिए।
सवाल – योग का वास्तविक स्वरूप क्या है? क्या यह केवल शरीर की एक्सरसाइज है?
रामदेव – योग सिर्फ कसरत नहीं है। योग तीन पहलुओं से बना है, दार्शनिक, क्रियात्मक और व्यावहारिक। दार्शनिक रूप से यह आत्मा की अनुभुति है कि मैं चैतन्य, सतचितानंद हूं। क्रियात्मक रूप से रोज कम से कम 30 मिनट योग, प्राणायाम और ध्यान करना चाहिए। तीसरा पक्ष है व्यावहारिक योग, यानी हम अपने आचरण में सनातम धर्म के मूल सिद्धांतों को कैसे उतारते हैं। योग एक संपूर्ण जीवनशैली है और जो योग युक्त है, वहीं रोग मुक्त है। सवाल -आज का युवा क्या चाहता है और योग उसंकी जरूरत कैसे पूरी करता है?
रामदेव – आज का युवा पावर, कंफर्ट, कनवीनियंस, इम्युनिटी और लॉन्गि लाइफ चाहता है। उसे स्मथ, स्ट्रेस—फ्री और सक्सेसफल लाइफ चाहिए। आज की जेनेरेशन के लिए योग से बेहतार कोई तरीका नहीं है। योग आपको फिजिकल मेंटल, इमोरनल और स्पिरिचुअल स्टेंथ देता है। जिम सिर्फ डोले शोले देता, लेकिन योग आपको जीवन का संतुलन देगा। जो युवा योग से जुड़ा हैं, वह हर चैलैंज का सामना आत्मबल के साथ कर सकता है।
सवाल – युवाओं में वेल्थ क्रिएशन की होड़ है, लेकिन हैल्थ की नजरअंदाज किया जा रहा है?
रामदेव – बिल्कुल! आज के युवाओं को पहला लक्ष्य होता है वेल्थ किएशन, लेकिन बड़ी बीमारियां अब कम उम्र में ही घेर रही हैं। ऐसे में योग ही वह रास्ता है जो वेल्थ और हेल्थ दोनों को संतुलित करता है। योग से स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता तीनों मिलते हैं।
सवाल – नई पीढी के लिए योग कितना उपयोगी है?
रामदेव – मैं हमेशा कहता हू कि मोबाइल से पहले खुद से जुड़ो। आज का युवा तेज इै, पर उलझा हुआ है। योग आपको आपकी जड़ों, संस्कृति, संस्कारों और स्वाभिमान से जोड़ता है। अगर नई पीढ़ी योग और भारतीय परंपराओं से जुड़े जाए तो भारत आत्मनिर्भर और आत्मजाग्रत राष्ट्र बनेगा। योग से जुड़ने का अर्थ है परमात्मा से जुड़ना। जब आप ध्यान करते हैं और गहरी सासें लेते है तो बाहर की बेचैनी खत्म होती है। यही सच्चा आध्यात्मिक अनुभव है।
सवाल – योग दिवस पर सबको आप क्या संदेश देना चाहते हैँ?
रामदेव – मैं देश के भाइयों- बहनों को यही कहूंगा की सभी लोग नियमित योग, ध्यान, प्राणायाम और मद्राएं करें, इन्हें करने की कोई उम्र नहीं है। इसी रास्ते पर चलकर सभी निरोग रह पाएंगे। जब सभी निरोग रहेंगे तो ही हम भारत को फिर से विश्गुरु बना पाएंगे। हर युवा स्वस्थ्य हो संस्कारी हो और स्वाभिवानी हो, यही मेरा संकल्प है।