यात्रियों को लगा इमरजेंसी का डर
जानकारी के अनुसार, विमान ने पहली लैंडिंग के दौरान टचिंग पॉइंट को थोड़ा ओवरशूट कर दिया था। दरअसल पटना एयरपोर्ट का रनवे थोड़ा छोटा है और लैंडिंग के दौरान पायलट को लगा कि वह रनवे पर विमान नहीं रोक पाएंगे इसलिए उन्होंने इसे दोबारा ऊपर उठा लिया। लैंडिंग होते होते विमान के फिर से उड़ जाने से यात्री ड़र गए। उन्हें लगा कि किसी इमरजेंसी या रनवे पर किसी अन्य विमान होने के चलते लैंडिंग नहीं हुई है।
क्रू मैंबर्स ने यात्रियों को समझाया
इसके बाद क्रू मैंबर्स ने यात्रियों को समझाया कि किसी तरह कि कोई इमरजेंसी नहीं है और सिर्फ तकनीकी कारणों की वजह से विमान को फिर से टेकऑफ किया गया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ चार पाच मिनट में फिर से लैंडिंग हो जाएगी और तब तक के लिए सभी यात्री धैर्य रखें।
केवल 2 हजार मीटर है पटना का रनवे
वर्तमान में पटना के एयरपोर्ट का रनवे की लंबाई 2,072.64 मीटर है, जबकि यह लंबाई कम से कम 2438 मीटर होनी चाहिए है। इसके चलते इस एयरपोर्ट की लंबाई को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। हाल ही अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद केंद्र सरकार ने देश में मौजूद सभी एयरपोर्ट को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें रनवे की लंबाई और सुरक्षा से जुड़े कुछ खास दिशा निर्देश भी दिए गए है। इसके बाद से ही पटना एयरपोर्ट के रनवे को बढ़ाने की कवायद भी तेज हो गई है। पटना के कमिश्नर चंद्रशेखर सिंह ने वहां के डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बना रनवे की लंबाई को बढ़ाने की सिफारिश की है। अब इस रनवे को 584.96 मीटर और बढ़ाकर 3657.6 मीटर करने की तैयारी चल रही है।
कम लंबाई से क्या परेशानी
एयरपोर्ट के डायरेक्टर रह चुके एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, लंबई कम होने की वजह से अभी विमान 3 डिग्री के क्षितिज पर उतरते हैं, जबकि यह 2.5 डिग्री के क्षितिज पर उतरने चाहिए है। एक अन्य अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, बड़े विमान की लैंडिंग के लिए कम से 3 से 5 किलोमिटर का रनवे होना चाहिए। जबकि पटना का रनवे ढ़ाई किलोमिटर भी नहीं है। इसी के चलते इस एयरपोर्ट पर बड़े विमानों को लैंड कराने में दिक्कत आती है।