हमले में हिंदुओ को बनाया निशाना
पहलगाम में हुए इस बर्बर हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। हमलावरों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया और उनकी पत्नियों को बख्शते हुए कहा था, “जाकर मोदी को बता देना।” इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया था।
भारतीय सेना ने तबाह किए आतंकी ठिकाने
भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें करीब 100 आतंकवादी मारे गए। भारतीय वायुसेना और थलसेना ने मिलकर 25 मिनट के इस अभियान को अंजाम दिया, जिसमें मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके और कोटली जैसे क्षेत्रों में आतंकी शिविरों को तबाह किया गया।
हमले का करारा जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जो पहलगाम हमले में हिंदू पुरुषों को निशाना बनाए जाने और उनकी पत्नियों के विधवा होने का प्रतीक है। पीएम मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, “हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों को करारा जवाब दिया है। हमारी बहन-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम आतंकियों को भुगतना पड़ेगा”।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इन हमलों को “कायरतापूर्ण” करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। 7 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी की और ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने स्वीकार किया कि रावलपिंडी का नूरखान एयरबेस भारतीय हमलों में तबाह हो गया।
देशभर से समर्थन
ऑपरेशन सिंदूर को देशभर में समर्थन मिला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सेना की कार्रवाई की सराहना की। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के साथ यह सब शुरू किया। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, न कि नागरिकों या सैन्य क्षेत्रों को”। ओवैसी की यह मांग कि ऑपरेशन सिंदूर को तब तक जारी रखा जाए जब तक चारों हत्यारे मारे नहीं जाते, देश में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भावना को दर्शाती है।