भाजपा और जदयू में सीटों के बंटवारे को लेकर पुराने अघोषित नियम के तहत लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) बड़े भाई की भूमिका में रहती है तो विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में जदयू। इस नीति के तहत लोकसभा में भाजपा एक सीट ज्यादा लड़ती है तो विधानसभा में जदयू भी एक सीट ज्यादा लड़ती है। सूत्रों के अनुसार इसी पुराने फॉर्मूले पर ही सहमति बनी तो भाजपा 101-102 और जदयू 102-103 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि इस बार भाजपा की स्थानीय इकाई ज्यादा सीटें लड़ने के मूड में है, लेकिन गठबंधन की संवेदनशीलता के कारण फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।
सबसे ज्यादा सीटें चिराग को
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा-जदयू छोटे दलों को छोड़ी गई 40 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें चिराग पासवान की लोजपा को देगी। लोजपा को 25 से 28, जीतनराम मांझी को 6 और उपेंद्र कुशवाहा को 4 से 5 सीट मिल सकती है। 2020 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए से अलग होने के कारण जदयू 122 और भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जदयू ने अपने खाते से 7 और भाजपा ने अपनी 11 सीटें मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी को दी थी। उस चुनाव में भाजपा 74 सीटों पर जीती थी, जबकि जेडीयू को सिर्फ 43 सीटों से संतोष करना पड़ा था।