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Mukesh Ambani ने लौटाया ‘कर्ज’, क्यों ICT मुंबई को दिया 151 करोड़ का दान?

Mukesh Ambani ICT: मुकेश अंबानी ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का बिना शर्त अनुदान देने की घोषणा की है।

भारतJun 07, 2025 / 06:03 pm

Devika Chatraj

इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी को मुकेश अंबानी की भेंट (IANS)

Mukesh Ambani Donation: रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑटोमोबाइल्स एंड मैनेजमेंट के निदेशक मुकेश अंबानी ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का बिना शर्त अनुदान देने की घोषणा की है। इसने मुंबई में एक विशेष समारोह आयोजित करने की घोषणा की, जिसमें अंबानी ने शिक्षा और संसाधनों के विकास में आईसीटी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईसीटी से 1970 के दशक में केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले अंबानी ने इस अनुदान को अपना ‘गुरु दक्षिणा’ करार दिया।

अंबानी का भावुक अंदाज

मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में मुकेश अंबानी ने अपने शिक्षक और आईसीटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर एम.एम. शर्मा को ‘राष्ट्र गुरु’ की डिग्री दी गई। उन्होंने कहा, “प्रोफेसर शर्मा के गाइडेंस में रिलाएंस ने मूल्य श्रृंखला में ज्यादातर बैकवर्ड और फॉरवर्ड एकीकरण हासिल किया, जिसने हमें वैश्विक स्तर पर रासायनिक उद्योग में अग्रणी बनाया।” अंबानी ने बताया कि यह अनुदान प्रोफेसर शर्मा से आग्रह किया गया है। “जब प्रोफेसर शर्मा कुछ कहते हैं, हम सिर्फ पढ़ते हैं, स्थिर नहीं। उन्होंने मुझसे कहा कि मुकेश, सुरक्षा आईसीटी के लिए कुछ बड़ा करना होगा,” अंबानी ने भावुक अंदाज में कहा।

1933 में हुई स्थापना

आईसीटी, जिसे पहले यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (UDCT) के नाम से जाना जाता था, 1933 में स्थापित किया गया था। यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित रासायनिक प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक है। इसकी स्थापना से लेकर अब तक, ICT ने रसायन उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। युनिवर्सिटी के इस अनुदान संस्थान को और अधिक मजबूत करने, आधुनिक अनुसंधान सुविधाओं को विकसित करने और छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने में मदद करने की इच्छा है।

मुकेश अंबानी के अनुदान का उद्देश्य

151 करोड़ रुपये का यह अनुदान बिना किसी शर्त के दिया गया है, इसका मतलब यह है कि आईसीटी इसे अपने अनुसार उपयोग कर सकता है। विशेषज्ञ का मानना ​​है कि यह संस्थान के सुपरमार्केट, नए शोध संस्थान, और प्रोग्राम प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा, यह आईसीटी को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान और मजबूत करने में सहायता प्रदान करना प्रदान करता है। आईसीटी के फादर ने इस अवसर पर कहा, “मुकेश अंबानी का यह योगदान केवल हमारी वित्तीय क्षमता को बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारे छात्रों और उपकरणों को नई ऊंचाई तक पहुंचने के लिए भी प्रेरित करता है। हम इस उद्यम के लिए उनके प्रति सहभागिता करते हैं।”

मुकेश अंबानी और ICT का संबंध

मुकेश अंबानी का ICT के साथ गहरा रिश्ता है। 1970 के दशक में यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज को नई ऊंचाई तक पहुंचाया। रिलायंस आज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में से एक है, और इसके केमिकल और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय के वैश्विक स्तर पर सहमति प्राप्त है। अंबानी ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि आईसीटी में शिक्षा और प्रोफेसर शर्मा का मार्गदर्शन उनके साहस और रिश्तों की सफलता का आधार बन रहा है।

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