क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, वर्धा-यवतमाल-नांदेड रेलवे परियोजना के तहत दारव्हा रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर निर्माण का कार्य चल रहा है। इस दौरान पुल के खंभों के लिए खोदे गए गहरे गड्ढों में हाल की भारी बारिश के कारण पानी भर गया था। इन गड्ढों के आसपास कोई सुरक्षा घेरा या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया था, जिसके कारण यह हादसा हुआ। मृत बच्चों की पहचान रिहान असलम खान, गोलू पांडुरंग नारनवरे, सौम्या सतीश खडसन और वैभव आशीष बोथले के रूप में हुई है। सभी बच्चे 10 से 14 वर्ष की आयु के थे।
खेल-खेल में गड्ढे में गिरे बच्चे
पुलिस के अनुसार, बच्चे रेलवे स्टेशन के पास खेल रहे थे, तभी वे संभवतः खेलते-खेलते पानी से भरे गड्ढे में गिर गए। यह भी जांच की जा रही है कि क्या बच्चे तैरने के लिए गड्ढे में उतरे थे। स्थानीय लोगों ने बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन गड्ढे की गहराई और पानी के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
इस हादसे ने रेलवे और निर्माण कंपनी की लापरवाही को उजागर किया है। गड्ढों के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। हादसे के बाद प्रशासन ने निर्माण कंपनी की लापरवाही की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।