चेन्नई में 18 अगस्त, 2025 को ‘पत्रिका की-नोट’ सम्पन्न हुआ।’ (फोटो-पत्रिका)
राजस्थान पत्रिका (Rajasthan Patrika) समूह के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पत्रिका समूह की ओर से चेन्नई में सोमवार को पत्रिका की-नोट कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अन्ना नगर शांति कॉलोनी के श्री रामदयाल कलावती खेमका अग्रवाल (एसआरकेके) भवन में कार्यक्रम शुरू हो गया है। कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
संवाद की इस शृंखला में ‘डिजिटल युग में पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जिम्मेदारी’ विषय पर मंथन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष और कोयम्बटूर दक्षिण की भाजपा विधायक वानती श्रीनिवासन रहीं। मुख्य वक्तव्य पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने दिया।
पत्रिका आत्मा भी, पत्रिका शरीर भी: गुलाब कोठारी
पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए अभूतपूर्व दिन है। पत्रिका हमारी आत्मा भी है। पत्रिका शरीर भी है। पत्रिका सत्य भी है। पत्रिका संस्कृति भी है। संस्कृति को बचाए रखना हमारा दायित्व है। समय के साथ तकनीक में बदलाव होता रहा। तकनीकी के दौर में हमारा जीवन बदलता जा रहा है। हम तकनीकी के पकड़ में आते जा रहे हैं। हमें किसी भाषा से कोई शिकायत नहीं है। लेकिन दूसरी संस्कृति को जीवन में उतारना समस्या है। हमने सामाजिक सरोकार बचाने के लिए संघर्ष किया। हमने सरकार के जन विरोधी फैसलों का विरोध किया। जब राजस्थान की बीजेपी सरकार जन विरोधी कानून लायी तो हम उसके विरोध में उतर आए। हमने छत्तीसगढ़ की सरकार के सलवा जुडुम के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। हमने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के खिलाफ सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज उच्च न्यायालय हमारी खबरों पर संज्ञान लेती है। कोर्ट हमारी खबरों को विश्वसनीय मानती हैं।
उन्होंने कहा कि पत्रिका का लक्ष्य भारतीय संस्कृति की रक्षा है। उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में पत्रिका का एक ही लक्ष्य ‘स्त्री: देह से आगे’ लेकर चल रहे हैं। उस पर संगोष्ठियां कर रहे हैं। महिलाएं संस्कारों का निर्माण करती हैं। महिलाएं व स्त्रियां लड़कों से काफी आगे हैं। महिलाओं के नाम के आगे देवी होता है। पत्रिका में हर हफ्ते महिलाओं को लेकर लेख आते हैं।
प्रधान संपादक ने कहा कि कई सभ्यताओं ने हम पर राज किया, लेकिन संस्कृति आज भी जिंदा है। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपने लिए कुछ नहीं करता, सिर्फ समाज को देने के लिए काम करता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार संस्कृति बचाने के लिए काम करता है।
नीति निर्धारण में पत्रकारिता अहम भूमिका निभाती है: वानती श्रीनिवासन
श्रीमती श्रीनिवासन ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि कुलिश जी की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित व्याख्यानमाला में मुझे बुलाया गया। कुलिश जी की सोच थी कि पत्रिकारिता और अखबार सिर्फ जनता के मुद्दों पर केंद्रित हो। वह राज्य सरकार, केंद्र सरकार और पार्टियों पर केंद्रित न हो। उन्होंने कहा कि पाठकों के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता है जब पत्रकारिता जन मुद्दों को छोड़कर सिर्फ विचारधारा व पार्टी आधारित हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी के दौर में 30 सेकेंड का वीडियो राजनेताओं व लोगों की छवि पलक झपकते धूमिल कर सकती है। आज आईटी सेल और मीडिया सेल की भूमिका बढ़ी है। आज हमें कार्यकर्ताओं के बीच सही सूचना पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कुलिश जी की सोच थी कि अखबार लोगों की पहुंच में हो। रिपोर्टिंग सिर्फ सूचनाओं तक पहुंचना नहीं, बल्कि उसका समाधान भी तलाशना है।
पत्रिका हमेशा सत्य के साथ खड़ा रहा: श्रीनिवासन के. स्वामी
आरके स्वामी समूह के कार्यकारी चेयरमैन श्रीनिवासन के. स्वामी ने कहा कि जब कुलिश जी ने पत्रिका की शुरुआत की, तब वह बेहद मुश्किल और बड़ा प्रयोग था। कुलिश जी के नेतृत्व में पत्रिका ने भरोसे का रास्ता बनाया। पाठकों के बीच भरोसा कायम किया। आज हमारे सामने यह चुनौती है कि हम मीडिया को कैसे कंज्यूम करते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान पत्रिका हमेशा सत्य के साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता और सत्यता बनाए रखने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी खबरें प्रकाशित हों वे पूर्णतया सत्यापित हों।
स्वतंत्र पत्रकारिता को बचाए रखना चुनौती: सुराणा
डाॅ. विनोद सुराणा ने कहा कि पत्रिका समाचार पत्र न सिर्फ उत्तर भारत, बल्कि दक्षिण भारत में भी एक प्रतिष्ठित अखबार है। उन्होंने कहा कि हम यहां सिर्फ कुलिश जी की जन्म शताब्दी मनाने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि इस डिजिटल युग में पत्रकारिता की विश्वसनीयता और जिम्मेदारी पर विचार-विमर्श के लिए भी इकट्ठा हुए हैं। सुराणा ने कहा कि बीते 70 सालों में समाज का रूप भी बदला है। पहले जमाना था ‘मोर मनी-मोर मनी, फिर आया क्विक मनी-क्विक मनी, अब जमाना है एनी हाऊ मनी।’
उन्होंने कहा कि आज पत्रकारों व अखबारों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। आज लोग एक चेंबर में बंधते जा रहे हैं। आज तथ्यपरक सूचनाओं की कमी है। उन्होंने कहा कि आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां प्रभावित करती हैं। आज धर्म व्यापारियों के हाथों में रह गया है, जो सही-गलत के आधार पर नहीं, बल्कि मुनाफे के आधार पर फैसला लेते हैं। उन्होंने कहा कि आज आर्थिकी समाज के साथ-साथ मीडिया समूहों को भी प्रभावित कर रही है। यह मीडिया संस्थानों के लिए बड़ी समस्या है। इसके कारण स्वतंत्र पत्रकारिता चुनौती बन गई है, लेकिन पत्रिका समूह ने 70 सालों से स्वतंत्र पत्रकारिता का अलख जगाए रखा है।
पत्रिका समूह मीडिया जगत के लिए रोल मॉडल
अवतार ग्रुप की फाउंडर प्रेसिडेंट डॉ सौंदर्य राजेश ने कहा कि पत्रिका समूह और गुलाब कोठारी मीडिया के लिए रोल मॉडल की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी अपने करियर के शुरुआती दौर में पत्रकार बनना चाहती थी। मैंने मीडिया में काम किया। इसके साथ ही उन्होंने महिला उत्थान और कामकाजी महिलाओं को लेकर अपनी बात रखी। सौंदर्य राजेश ने कहा कि टैरिफ वॉर की खबरें तो हम आजकल सुन ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत में काम कर रही अमरीकी कंपनियों में देशभर में महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पत्रिका के सभी सोशल मीडिया फ्लैटफॉर्म पर किया गया। नीचे क्लिक करके आप भी वीडियो देख सकते हैं।
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