2018 में लॉन्च की पार्टी
फिल्मों से राजनीति में आए हासन 2018 में एमएनएम पार्टी की शुरूआत की थी। हासन ने इसे डीएमके और एआईडीएमके जैसी पार्टियों के विक्लप के रूप में पेश किया था। उन्होंने मदुरै में एक जनसभा के दौरान पार्टी का झंड़ा लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ना, जमीनी स्तर पर शासन और विकास के साथ साथ पर्यावरण को बेहतर बनाना बताया था। एमएनएम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था और लगभग 4 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।
2024 के आम चुनावों से पहले डीएमके से मिलाया हाथ
2021 में हासन ने तमिलनाडु के कोयंबटूर दक्षिण सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। यह चुनाव वह भाजपा की वनथी श्रीनिवासन से बहुत कम अंतर से हार गए थे। इस चुनाव में उनकी पार्टी को राज्यव्यापी वोटों का 2.6 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा प्राप्त हुआ था। पार्टी के भीतर की चुनौतियों और जनता में इसकी कम पकड़ के चलते हासन ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और 2024 के आम चुनावों से पहले डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए।
समर्थन के बदले मिली राज्यसभा सीट
इन चुनावों में डीएमके ने तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर क्लीन स्वीप किया और इसका श्रेय कहीं न कहीं एमएनएम के समर्थन को भी दिया गया। इसके बाद गठबंधन की सत्ता सांझा करने की व्यवस्था के तहत ही हासन को राज्यभा सीट की पेशकश की गई थी। इसके बाद हासन ने 6 जून को इस सीट के लिए तमिलनाडु सचिवालय में अपना नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन और गठबंधन के अन्य वरिष्ठ नेता वहां मौजूद रहे थे।
हासन समेत छह लोग राज्यसभा के लिए चुने गए
234 सदस्यों वाली तमिलनाडु विधानसभा में राज्यसभा की एक सीट पाने के लिए 34 विधायकों का वोट मिलना जरूरी होता है। डीएमके के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के पास यहां 158 विधायक है। इसका मतलब है कि यहां डीएमके आसानी से चार सीट जीत सकती थी। इसी के चलते 12 जून को कमल हासन समेत छह लोग तमिलनाडु से निर्विवाद राज्यसभा के लिए चुने गए थे।